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निजामुद्दीन स्थित मरकज में चल रहे घटनाक्रम के बाद भोपाल में भी इसका असर दिखाई दे रहा

निजामुद्दीन स्थित मरकज में चल रहे घटनाक्रम के बाद भोपाल में भी इसका असर दिखाई दे रहा है। भोपाल आई जमातों को ढूंढकर इनका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है। खास बात यह है कि भोपाल में हो रही कार्रवाई से मुस्लिमों में संतोष है।

जिला प्रशासन काफी सहयोग कर रहा

भोपाल के मौलवियों व तब्लीगी इज्तिमा के पदाधिकारियों का कहना है कि जिला प्रशासन उनका काफी सहयोग कर रहा है। इसके लिए वे प्रशासन और पुलिस महकमे के शुक्रगुजार हैं लेकिन उन्होंने जमातियों की जानकारी ना देने वाली बात को स्पष्ट नकार दिया है।

विदेश से आने वाले सभी जमातियों की सूचना पुलिस को दी जाती है

भोपाल मरकस (शकूर मस्जिद) और तब्लीगी इज्तिमा के पदाधिकारियों का कहना है कि विदेश से आने वाले सभी जमातियों की सूचना पुलिस को दी जाती है। इधर, भोपाल को इस मामले से जोड़कर देखने के पीछे तर्क यह है कि तब्लीगी जमात का देश स्तर का सबसे बड़ा जलसा हर साल ईंटखेड़ी में आयोजित किया जाता है।

20 से ज्यादा देशों की जमाते इस बार भोपाल आई थी

इसमें 20 से ज्यादा देशों की जमाते इस बार भोपाल आई थी। खास बात यह है कि तब्लीगी इज्तिमा में मजलिस शूरा के सदस्य मोहम्मद साद कंधवाली हर साल भोपाल आते हैं और यहां उनकी गहरी जड़ें हैं। हाल ही में उन पर महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। इधर, रूग्न शूरा के सदस्य मप्र में सदस्य इकबाल हफीज भी है, जो मप्र में जमातों का इंतजाम देखते हैं और देश-विदेश में जाकर अपने विचार रखते हैं। इसके साथ ही तब्लीगी इज्तिमा की प्रबंध कमेटी के सदस्य भी है।

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