नई दिल्ली. भारत और चीन के सैनिकों के बीच लद्दाख की गालवन घाटी में हुई झड़प के करीब 36 घंटे बाद सरकार की ओर से बयान आया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि गालवन में सैनिकों को खोना बेहद परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
राजनाथ ने कहा कि मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र इस कठिन समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।
सोमवार रात हुई थी हिंसक झड़प
15-16 जून की दरमियानी रात लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए, 135 जख्मी है। 4 की हालत गंभीर है।
चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए
न्यूज एजेंसी ने बुधवार को सूत्रों के हवाले से कहा कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, जिनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की।