राज्यसभा चुनाव / जीत से गहलाेत के दाे मैसेज पहला-कुशल नेतृत्व दूसरा-वफादारों के लिए दरवाजे खुले रहेंगे
जयपुर. निर्दलीय विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच प्रदेश में राज्यसभा चुनावों को लेकर 10 दिनों से चल रहे सियासी घमासान का शुक्रवार को पटाक्षेप हो गया। तीन में से दो सीट कांग्रेस ने जीत ली वहीं भाजपा के खाते में एक सीट आई है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल व नीरज डांगी और भाजपा के राजेंद्र गहलोत का राजस्थान से राज्यसभा पहुंचना तय हो गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9 दिनों की बाड़ाबंदी में एक तरफ असंतुष्ट विधायकों को साधा तो दूसरी तरफ छोटे दलों समेत निर्दलीय विधायकों का भी पूरा समर्थन लेने में कामयाबी दिखाई।
राजनीति में हार ही नहीं जीत के भी मायने होते हैं। सीएम अशोक गहलोत की राजनीति को जो समझते हैं वे जानते हैं कि उनके हर कदम का अपना मतलब होता है। राज्यसभा चुनावों में मिली जीत के बाद अब गहलोत कांग्रेस की राजनीति का सबसे महत्वपूर्ण चेहरा हो गए हैं।
कर्नाटक, एमपी और गुजरात में कांग्रेस में फूट के बाद भी राजस्थान में सभी निर्दलीय विधायकों, बीटीपी, और सीपीएम का समर्थन लेकर गहलोत ने यह साबित कर दिया कि मैनेजमेंट में उनसे बेहतर खिलाड़ी फिलहाल कांग्रेस में दूसरा कोई नहीं। इस तथ्य पर भी गौर करें कि सीपीएम ने कहा था कि वे राज्यसभा चुनावों में किसी का समर्थन नहीं करेगी इसके बाद भी उनका एक विधायक कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दे गया।
राज्यसभा चुनावों में जीत के बाद एक तरफ जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक समर्थकों और विरोधियों को यह मैसेज दिया कि उनका सियासी कद क्या है? वहीं दूसरी तरफ अब नई चुनौतियां भी उनका इंतजार कर ही हैं।
अब बड़ा सवाल ये है कि कांग्रेस में आगे क्या होगा? राज्यसभा चुनाव से पहले 9 दिनों तक चली बाड़ाबंदी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के साथ लगातार वन टू वन बैठकें की। जाहिर है कि ये बैठकें सिर्फ राज्यसभा चुनावों को लेकर ही नहीं थीं बल्कि चुनावों में समर्थन के बदले में मिलने वाले सियासी फायदे पर भी इनमें चर्चा हुई होगी।
पहले मतदान – बीजेपी की दो बसें सबसे पहले आईं। उसके 1 घंटे बाद कांग्रेस की बसें आनी शुरू हुईं। दोनों ही पार्टियों की सारी बसों से विधायकों के आने में करीब ढाई घंटे लगे।
15 के सैंपल रात को रिपोर्ट
वाजिब अली की कोरोना जांच करवाने के बाद घबराए 15 विधायकों ने अपने सैंपल लेने को कहा। इस पर उनकी जांच करवाई गई। एसएमएस की टीम दोपहर 3 बजे उनके सैंपल लेकर बाहर निकली। रात करीब 9 बजे सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई। दिन में करीब डेढ़ बजे वाजिब का सैंपल लिया गया, जिसकी रिपोर्ट एक घंटे में ही करीब ढाई बजे आ गई।
मलिंगा पर भाजपा ने किया हल्ला
कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के वोट को लेकर भाजपा ने आपत्ति जताई। एजेंटों ने हल्ला मचा दिया कि उन्होंने गलत वोट डाला है। मामले को लेकर थोड़ी बहस भी हुई लेकिन कांग्रेस ने नियमों का हवाला देते हुए वोट सही बताया। जांच में वोट सही पाया।
वोट डाल कई पैदल ही चल पड़े
विधानसभा से वोट डालकर कई विधायक वापस दिल्ली रोड स्थित होटल नहीं गए। अपनी गाड़ियां विधानसभा ही मंगवाई लेकिन पास नहीं होने से कई विधायक बसों से अपनी ट्राली लेकर पैदल ही बाहर तक गए।
वाजिब को पहचानने को लेकर विवाद, फिर दिखाया आईडी कार्ड
दोपहर में कोरोना टेस्ट के बाद वाजिब अली को पीपीई किट पहनाकर वोट डालने भेजा। इस पर बीजेपी ने विरोध कर दिया। बीजेपी एमएलए ने कहा – हम कैसे पहचाने कि ये एमएलए ही हैं। आईडी दिखानी पड़ी।
पूरे नहीं डले वोट और भूतों की चर्चा
राज्यसभा चुनाव के मतदान के समय भी 200 पूरे विधायक वोट नहीं डाल पाए। एख मंत्री और सीपीआई (एम) के एमएलए के नहीं आने से 198 ने ही वोट डाला। दोपहर में फिर चर्चा हो गई कि इस बार फिर 200 एमएलए हो कर भी पूरे वोट नहीं डाल सके।
रघु, खाचरियावास ने साथ किया लंच, फिर बने काउंटिंग एजेंट
सदन में मतदान की समाप्ति के समय 4 बजे मुख्य सचेतक के कक्ष में मंत्री रघु शर्मा और प्रतापसिंह खाचरियावास ने लंच मंगवाया। वहां दोनों ने साथ लंच खाया। फिर मतगणना के लिए तीनों साथ ही पार्टी के एजेंट बने।
कांग्रेस को शीर्षासन करवा दिया : राठौड़
राज्यसभा चुनाव पूरा अंकगणित का खेल है लेकिन हमने अपना दूसरा उम्मीद्वार खड़ा कर कांग्रेस को शीर्षासन करवा दिया। ऐसा पहली बार हुआ जब सरकार विपक्ष से डर गई।
– राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष
मुझे विश्वास था हम सभी दोनों उम्मीदवारों को विजयी बना ही लेंगे : सचिन पायलट
कांग्रेस पार्टी के दोनों नवनिर्वाचित सांसदों को शुभकामनाएं दी हैं। मुझे आरंभ से ही विश्वास था कि हम सभी मिलकर दोनों उम्मीदवारों को विजयी बनाकर राज्यसभा भेजेंगे। मैं समस्त विधायकों का आभार व्यक्त करता हूं।
– सचिन पायलट- डिप्टी सीएम, राजस्थान