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भारतीय आईटी एक्सपर्ट्स अमेरिका नहीं जा पाएंगे / विदेशियों को साल के अंत तक ग्रीन कार्ड और एच-1बी वीजा जारी करने पर रोक; गूगल के सीईओ पिचाई बोले- हम प्रवासियों के साथ

वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एच-1बी वीजा समेत विदेशियों को जारी होने वाले नौकरियों से जुड़े कई वीजा को सस्पेंड रखने का समय बढ़ा दिया। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि 31 दिसंबर तक विदेशियों को ग्रीन कार्ड और एच-1बी वीजा जारी नहीं होगा। वहीं, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रवासियों ने अमेरिकी को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने में मदद की और देश को तकनीक के क्षेत्र में अव्वल बनाया।

उन्होंने कहा कि प्रवासी कर्मचारियों की वजह से ही गूगल आज इस मुकाम पर है। मैं सरकार के इमिग्रेशन से जुड़े फैसलों से निराश हूं। हम प्रवासियों के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें हर तरह के मौके दिलाने के लिए काम करते रहेंगे।

एच-1बी वीजा का दुरुपयोग रोकने का निर्देश

ट्रम्प ने एच-1बी वीजा का गलत इस्तेमाल रोकने का भी निर्देश दिया है। अगर कोई वीजा से जुड़े नियमों का पालन नहीं करता है तो अमेरिका का लेबर डिपार्टमेंट उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। हालांकि फूड इंडस्ट्री, मेडिकल और कुछ अन्य क्षेत्रों के लिए वीजा जारी करने को मंजूरी दी जा सकती है। इस साल अप्रैल में एच-1 बी वीजा जारी करने की प्रक्रिया 60 दिन के लिए निलंबित की थी।

बेरोजगारी बढ़ने का कारण किया गया फैसला
अमेरिका में महामारी के कारण बेरोजगारी दर अचानक बढ़ गई है। इसका असर कम करने और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां बचाने के लिए यह फैसला किया गया है। फिलहाल यह प्रतिबंध अस्थाई है। इस पर आगे कोई फैसला अमेरिका वीजा प्रोसेस में सुधार करने के बाद लिया जाएगा। दूसरे देशों से ट्रांसफर किए जाने वाले कर्मचारियों को जारी होने वाले एल-1 वीजा पर भी रोक लगाई गई है।

नए नियमों का 5 लाख नौकरियों पर असर होगा

ट्रम्प मंगलवार को एच-1 बी वीजा के साथ ही एच-4, एच-2बी, जे और एल वीजा जारी करने पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। ट्रम्प ने कहा कि ऐसे वीजा के लिए लॉटरी सिस्टम को तुरंत बंद किया जाए। अमेरिकी सरकार ने कहा कि वीजा से जुड़ी नई पाबंदियों से इस साल के अंत तक 5.25 लाख नौकरियों पर असर होगा। अमेरिका में संक्रमण फैलने से अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां गई हैं।

भारत पर असर पड़ेगा
एच-2बी वीजा को छोड़कर अन्य सभी वीजा के सस्पेंड होने का असर भारतीयों पर पड़ेगा। एच-2बी वीजा खासतौर पर मैक्सिको के प्रवासियों के काम आता है। अमेरिका में हर साल 10 लाख कर्मचारी दूसरे देशों से आते हैं। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि बेरोजगारी की दर इतनी ज्यादा है कि इन कर्मचारियों को वीजा देने का कोई कारण नहीं है।

क्या है एच-1बी वीजा?
एच-1बी नॉन इमिग्रेंट वीजा है। अमेरिका की ज्यादातर आईटी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से लाखों कर्मचारियों की नियुक्ति इसी वीजा के जरिए करती हैं। नियम के अनुसार,  अगर किसी एच-1बी वीजाधारक की कंपनी ने उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर लिया है, तो वीजा स्टेटस बनाए रखने के लिए उसे 60 दिनों में नई कंपनी में जॉब तलाशना होगा। भारतीय आईटी वर्कर्स इस 60 दिन की अवधि को बढ़ाकर 180 दिन करने की मांग कर रहे हैं। यूएस सिटीजनशिप एंड इमीग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) के मुताबिक, एच-1बी वीजा से सबसे ज्यादा फायदा भारतीय नागरिकों को ही होता है।

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