मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार जल्द / छत्तीसगढ़ की गवर्नर अनुसुइया उइके को कार्यवाहक राज्यपाल का प्रभार मिल सकता है
भोपाल. राज्यसभा चुनाव के बाद प्रदेश में एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा तेज हो गई है। भाजपा में बैठकों का दौर जारी है। राज्यपाल लालजी टंडन के अस्वस्थ होने के कारण मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार अब कार्यवाहक राज्यपाल बनाकर होगा। इसी सप्ताह छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके को प्रभार मिल सकता है। बताया जा रहा है कि लखनऊ के एक निजी अस्पताल में भर्ती राज्यपाल टंडन की हालत में सुधार है। लेकिन, उनके अस्पताल से जल्द डिस्चार्ज होने की संभावना नहीं है।
इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच मंत्रिमंडल विस्तार के लिए नामों पर दो दिन के अंदर दो राउंड में चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री चौहान एक-दो दिन में दिल्ली जा सकते हैं। वहां भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मुलाकात होनी है। यहां मुख्यमंत्री संभावित नामों पर बात कर सकते हैं। खासतौर पर पिछली शिवराज सरकार में मंत्री रहे और चुनाव जीतने वाले विधायकों को दोबारा मंत्रिमंडल में रखने का मसला है। इस मुलाकात के तुरंत बाद मंत्रिमडंल विस्तार हो जाएगा।
मुख्यमंत्री की सोमवार को केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत होने की चर्चा सामने आई। मुख्यमंत्री का दिल्ली प्रवास के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने का कार्यक्रम भी था। लेकिन, सिंधिया अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद क्वारैंटाइन पीरियड में हैं। ऐसे में यह मुलाकात अब मुश्किल लग रही है।
वरिष्ठ विधायकों के दबाव में अटका मामला
बताया जा रहा है कि जाति, क्षेत्र और सामाजिक संतुलन के साथ पार्टी में ऐसे सीनियर विधायक को भी तवज्जो दी गई है, जो पिछली सरकार में मंत्री नहीं बन पाए थे। इसी के बाद पार्टी की मुश्किल बढ़ गई है। पार्टी चाहती है कि मौजूदा 5 मंत्रियों को मिलाकर मंत्रिमंडल इतना बढ़ा हो कि 4 से 5 स्थान रिक्त रहें। यानी साफ है कि अब 24 से 25 लोगों को ही शिवराज की टीम में जगह मिल सकती है। सिंधिया समर्थकों के 11 नेताओं (गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट के बाद अब 9 मंत्री और बन सकते हैं) को मंत्रिमंडल में लेने के बाद 18 से 19 पद भाजपा को मिलेंगे। कांग्रेस के बागियों में प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिसोदिया, राज्यवर्द्धन सिंह दत्तीगांव, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना, हरदीप सिंह डंग का नाम है। बसपा-सपा के विधायकों की उम्मीद कम है। भाजपा के दो मंत्री बन चुके हैं। लिहाजा, 15 से 16 चेहरे भाजपा से तय करने हैं। विंध्य, बुंदेलखंड और भोपाल संभाग से पार्टी पर दबाव है। ऐसे में कुछ पुराने चेहरे ड्रॉप हो सकते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष के लिए 3 नाम चर्चा में
विधानसभा अध्यक्ष के लिए गोपाल भार्गव, विंध्य के नागेंद्र सिंह नागौद और मालवा अंचल के जगदीश देवड़ा का नाम चर्चा में है। देवड़ा अनुसूचित जाति वर्ग से हैं और फिलहाल प्रोटेम स्पीकर हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। चर्चा है कि उन्हें कैबिनेट मंत्री की जगह स्पीकर बनाया जा सकता है। लेकिन, भार्गव इसके लिए तैयार नहीं हैं। नागेंद्र सिंह को भी भी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। भाजपा इस बार पूर्व स्पीकर डॉ. सीताशरन शर्मा को पुनः विधानसभा अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं है, इसलिए संभावित दावेदारों के नाम पर विचार किया जा रहा है। अनुसूचित जाति वोट को साधने के लिए भाजपा जगदीश देवड़ा को स्पीकर बनाने के विकल्प पर विचार कर रही है। सहमति नहीं बनी तो देवड़ा डिप्टी स्पीकर भी बनाए जा सकते हैं।