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भारत में कोरोना कितना गंभीर / 4.5 लाख मरीजों में से सिर्फ 4.16% को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी, 15.34% को आईसीयू में रखना पड़ा

नई दिल्ली. देश में मंगलवार तक कोरोना के जितने मरीज सामने आए, उनमें से सिर्फ 7 हजार 423 यानी 4.16% लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने 23 जून की शाम 6 बजे तक के आंकड़ों के आधार पर यह जानकारी दी है। अफसर के मुताबिक 27 हजार 314 यानी 15.34% मरीजों को आईसीयू और 28 हजार 301 (15.89%) मरीजों को ऑक्सीजन देनी पड़ी।

23 जून को 2.99% मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे
अधिकारी ने बताया कि 23 जून को कोरोना के एक्टिव मरीजों में से 2.57% आईसीयू में थे, एक दिन पहले यानी 22 जून को यह आंकड़ा 2.53% था। 23 जून को 0.54% मरीज वेंटिलेटर पर और 2.99% ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे। इससे पहले 22 जून को 2.82% संक्रमित ऑक्सीजन पर थे।

देश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 56.71 फीसदी
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बुधवार तक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 4 लाख 56 हजार 183 पहुंच गई थी। 14 हजार 476 लोगों की मौत हो गई। दूसरी ओर रिकवरी रेट में हर दिन इजाफा हो रहा है। मंगलवार से बुधवार तक के 24 घंटों में 10 हजार 495 मरीज ठीक हो गए। कुल 2 लाख 58 हजार 684 मरीज रिकवर हो चुके हैं। रिकवरी रेट 56.71% हो गया है।

‘भारत का डेथ रेट भी दुनिया में सबसे कम’
मंत्रालय का कहना है कि प्रति लाख आबादी के मुकाबले भारत का डेथ रेट दुनिया में सबसे कम है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का भी यही कहना है। भारत के एक लाख लोगों में कोरोना से सिर्फ 1 मौत हो रही है, जबकि ग्लोबल एवरेज 6.04 का है।

देश में कितने वेंटिलेटर?
अप्रैल तक देश में करीब 55 हजार वेंटिलेटर थे। प्रधानमंत्री ऑफिस के मुताबिक पीएम केयर्स फंड के जरिए 50 हजार वेंटिलेटर देश में ही बनाने का टार्गेट है। 2 हजार 923 तैयार भी हो चुके। इनमें से 1 हजार 340 राज्यों को भेज दिए गए हैं।

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