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ओली को भारी पड़ता भारत विरोध / इस्तीफे की मांग के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की, उनके बिना ही प्रचंड ने बैठक की; बजट सत्र भी स्थगित

काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी पर खतरा बढ़ता जा रहा है। इस्तीफे की मांग के बीच ओली गुरुवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मिलने पहुंचे। हालांकि, उनके लौटने के बाद सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने उनके बिना ही पार्टी की मीटिंग शुरू कर दी। इसका नेतृत्व पूर्व पीएम पुष्पकमल दहल प्रचंड ने किया। इससे पहले बजट सत्र भी स्थगित कर दिया गया।

इससे पहले बुधवार को उन्होंने अपनी ही पार्टी में विरोधियों को शांत करने की कोशिश की। नेताओं को घर बुलाया, लेकिन बात नहीं बनी। लगातार सातवें दिन स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग हुई। पांच में तीन नेताओं ने ओली से इस्तीफा देने को कहा। बुधवार को वे बीमार भी हो गए थे। देर रात उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, इसे रूटीन चेकअप बताया गया।

घर पर मीटिंग 
सत्तारूढ़ एनसीपी गठबंधन की लगातार सातवें दिन मीटिंग हुई। पार्टी हेडक्वॉर्टर में हुई इस मीटिंग में ओली हिस्सा लेने नहीं पहुंचे। कुछ देर बाद उन्होंने विरोधी नेताओं को घर बुलाया। यहां बातचीत की। काठमांडू पोस्ट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पांच नेताओं में से तीन ने ओली से कहा कि वो फौरन पद छोड़ दें। दो नेताओं ने उन्हें काम सुधारने की नसीहत दी।

ये नेता हुए शामिल
बुधवार को हुई मीटिंग में नंद कुमार प्रसीन, पेशाल खाटीवाड़ा, लीलामणि पोखरेल, मात्रिका यादव और योगेश भट्टराई ने भाषण दिया। खाटीवाड़ा, यादव और पोखरेल ने कहा- ओली विफल रहे हैं। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। वहीं प्रशीन और भट्टराई ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने काम और तरीके में सुधार करें। मात्रिका यादव ने तो यहां तक कह दिया कि ओली शारीरिक, मानसिक और वैचारिक तौर पर प्रधानमंत्री रहने लायक नहीं बचे हैं।

भारत पर आरोप लगाना अपराध
लीलामणि पोखरेल ने कहा- हमारे प्रधानमंत्री ने भारत पर सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। सबसे पहले उन्हें इस बात के सबूत देने होंगे। अगर वो ऐसा नहीं कर पाते तो ये माना जाएगा कि उन्होंने अपराध किया है।

अस्पताल में ओली
इस्तीफे के बढ़ते दबाव के बीच खबर आई कि ओली बीमार हो गए हैं। देर रात उन्हें काठमांडू के शहीद गंगालाल नेशनल हार्ट केयर सेंटर में भर्ती कराया गया। हालांकि, ओली के मीडिया सलाहकार ने इसे रूटीन चेकअप बताया। कहा- इसे सियासी मामलों से जोड़कर न देखा जाए।

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