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मध्यप्रदेश / भोपाल में 300 नई बसें चलना तय, 22 रूट पर 11 नए रूट बनाए गए; सलैया तक जाएगी

भोपाल. भोपाल शहर के दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वालों की सुविधा के लिए भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) 11 नए रूट पर 300 बसें शुरू करने जा रहा है। इसके लिए अमृत योजना के तहत सलैया जैसे इलाकों तक इन बसों का संचालन किया जाएगा। संभागायुक्त कवींद्र कियावत ने भोपाल बीसीएलएल के अधिकारियों को शहर के दूरस्थ क्षेत्रों के रहवासियों को इसका अधिकतम लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए।

पूरे भोपाल में 22 रूट पर 300 नई बसें चलाई जाएगी। इनमें शहर के दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ते हुए 11 नए रूट शामिल है। कियावत ने निर्देश दिए कि शहर के वे दूरस्थ क्षेत्र और कॉलोनी जिनमें सार्वजनिक परिवहन के साधन उपलब्ध नहीं हैं, उनके रहवासियों को इसका लाभ पहुंचाया जाना चाहिए। कोलार, होशंगाबाद रोड, रायसेन रोड, बैरसिया जैसे क्षेत्रों, कलोनी में बस का शुरुआती केंद्र रखा जाए।

इस योजना से जाट खेड़ी, भौरी, संस्कार उपवन कोलार, सेमर, बरनाला, दानिश कुंज, टीबी अस्पताल, जागरण लेकसिटी, गांधी नगर, बैरसिया, एलएनसीटी, कृष्णा हाइट बैरागढ़ चीचली और सलैया जैसे क्षेत्र लाभान्वित होंगे। बीसीसीएल के पीआरओ संजय सोन ने बताया कि अमृत योजना में शहरी परिवहन को उच्चस्तरीय और सुलभ बनाने की पहल है। टेंटर भरे जा चुके हैं। कंपनी और ऑपरेटर का चयन होना शेष है।

नए रूट के लिए वर्ष 2016-17 से हो रहा था सर्वे

नए रूट शुरू होने से कोलार के ढाई लाख, बर्रई के 50 हजार और भौंरी के 20 हजार यात्रियों को सीधे फायदा होता। बीसीएलएल इसके लिए वर्ष 2016-17 से सर्वे कर रही थी। सुमित्रा परिसर, कोलार से एम्स जाने के लिए यात्रियों को बस बदलने की जरूरत नहीं होती। इसी तरह नादरा बस स्टैंड तक भी पहले से कम समय में पहुंचा जा सकता। भौंरी और आसपास के रहवासियों को हलालपुर तक जाने के लिए सीधे एक साधन मिल जाता।

अमृत योजना के तहत किया जाएगा संचालन
इलेक्ट्रिक बसें डिपार्टमेंट ऑफ हेवी इंडस्ट्री (डीएचआई) के अंतर्गत चलाई जाएंगी। इसमें डीएचआई 40 प्रतिशत की सब्सिडी देगी, जबकि 60 प्रतिशत खर्च ऑपरेटर को उठाना पड़ेगा। इसके लिए भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) के माध्यम से किया जाएगा। फिलहाल इन्हें शहर के अंदर ही संचालित किया जाएगा इसके बाद धीरे-धीरे शहर के आसपास भी इन्हें चलाया जाएगा। बसों को चार्ज करने के लिए दो से तीन डिपो बनाए जाएंगे। इलेक्ट्रिक बसों का संचालन अलग ऑपरेटर से किया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

बसों में यह खासियत

  • ये इलेक्ट्रिक बसें 38 सीटर और ऑटोमेटिक डोर होंगे।
  • एक बार चार्ज होने के बाद यह बस 200 किमी चलेगी।
  • इससे वायु प्रदूषण के साथ ध्वनि प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा।
  • इन बसों को शहर के नए रूटों पर चलाया जाएगा।
  • यह प्रोजेक्ट डीएचआई की योजना के तहत लाया गया है। इसमें सार्वजनिक वाहन डीजल की जगह अब इलेक्ट्रिक होंगे।

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