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कानपुर मुठभेड़: क्या घर में ही भेदिया था? / गैंगस्टर विकास के संपर्क में था चौबेपुर थाने का स्टाफ, कॉल डिटेल में सामने आई बात; 2 एसआई और एक सिपाही सस्पेंड

कानपुर. उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का चौबेपुर थाना स्टाफ सवालों के घेरे में है। यहां गुरुवार रात बिकरु गांव में गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी से पहले थाने से ही रेड की सूचना लीक की गई थी। विकास की कॉल डिटेल की जांच में सामने आया कि थाने के कई पुलिसवाले उसके संपर्क में थे। सोमवार को एसएसपी ने 2 एसआई और एक कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया। विकास गैंग से 2 जुलाई की रात हुई मुठभेड़ में 8 पुलिसवाले मारे गए थे।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह जानकारी सामने आई है कि हिस्ट्रीशीटर विकास के खिलाफ कार्रवाई से पहले चौबेपुर थाने से इसकी जानकारी लीक गई थी, जिसकी वजह से इतने पुलिसकर्मियों की जान गई। मामले में चौबेपुर थाना प्रभारी विनय तिवारी पहले ही सस्पेंड कर दिए गए थे। सोमवार को शुरुआती जांच में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के कारण थाने के एसआई कुंवर पाल सिंह, कृष्ण कुमार शर्मा और सिपाही राजीव को सस्पेंड कर दिया गया। बताया जा रहा है कि तीनों विकास के संपर्क में थे। हालांकि, विभाग की ओर से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

शक के घेरे में थी चौबेपुर पुलिस
हिस्ट्रीशीटर विकास को इस बात की जानकारी थी कि पुलिस की टीमें दबिश देने के लिए गांव में आ रही हैं। इसका खुलासा विकास के खास गुर्गे दयाशंकर अग्निहोत्री ने भी किया है। रविवार को मुठभेड़ में पकड़े गए 25 हजार के इनामी दयाशंकर ने कहा कि विकास के पास थाने से एक फोन आया था। इसके बाद हमले का प्लान बनाया गया और 25-30 लोगों को हथियार समेत विकास ने घर बुलाया था। विकास खुद दयाशंकर की लाइसेंसी बंदूक से फायर कर रहा था।

थाने के भेदिए को तलाश रही पुलिस
सूत्रों की मानें तो विकास को पुलिस के हर मूवमेंट की जानकारी मिल रही थी। उस तक यह सूचना कौन पहुंचा रहा था, इसकी जांच चल रही है। चौबेपुर पुलिस शुरू से ही शक के घेरे में थी। सूत्रों के मुताबिक, विकास के घर से पहले जब रास्ते में जेसीबी खड़ी मिली तो पुलिस टीम पैदल ही आगे बढ़ने लगी थी, तब चौबेपुर एसओ और सिपाही सबसे पीछे थे।

थाने में तैनात स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जा रही
विकास दुबे के खास दयाशंकर की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद यह तय किया गया है कि चौबेपुर थाने में तैनात सभी पुलिस स्टाफ की भूमिका की जांच कराई जाएगी। इस थाने में एसआई, सिपाही और होमगार्ड समेत 44 पुलिसवालों का स्टाफ है। अफसरों का कहना है कि स्टाफ की संलिप्तता पाए जाने पर केस दर्ज करके जेल भेजा जाएगा।

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