भारत-चीन शांति के लिए सहमत दोनों देश पूर्वी लद्दाख से सैनिकों को पूरी तरह हटाएंगे, एलएसी पर शांति बहाली के तय नियमों को मानने पर भी सहमति बनी
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख में सीमा पर सैनिकाें काे पूरी तरह से वापस बुलाने और पूर्ण शांति स्थापित करने पर चीन के साथ सहमति हुई है। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर की शुक्रवार काे बातचीत में दाेनाें देशाें ने एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हुए विवादाें के निपटारे पर जाेर दिया।
यह बातचीत विदेश मंत्रालय में पूर्वी एशिया के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव और चीन के विदेश मंत्रालय के महानिदेशक वू जियांगहो के बीच वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत-चीन बाॅर्डर अफेयर्स काे-ऑर्डिनेशन मैकेनिज्म के तहत हुई।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार सीमा पर शांति और नियंत्रण रेखा से सैनिकों के बीच टकराव काे पूरी तरह से खत्म करने पर सहमत हुए हैं। बातचीत में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में स्थिति की समीक्षा की गई। भारत लगातार 5 मई से पहले की स्थिति में चीन सेना के पीछे हटने की मांग कर रहा है।
कई बार हुआ टकराव
भारतीय और चीनी सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगाेंग त्साे और अन्य इलाकाें में 5 और 6 मई काे टकराव हुआ था। इसके बाद 15 जून काे दाेनाें सेनाओं के बीच हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन के 40 सैनिकाें के मारे जाने का दावा किया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की चाैथे चरण की बातचीत आज: पूर्वी लद्दाख में सेना वापसी के पहले चरण के हालात काे लेकर शनिवार को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की चाैथे चरण की बातचीत हाेगी। इसमें भारतीय सेना की ओर से 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीन की सेना की ओर से दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन शामिल हाेंगे।
चीनी राजदूत ने कहा- दोनों देशों को एक-दूसरे पर भरोसा रखना चाहिए
भारत-चीन विवाद के बीच भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने दोनों देशों के संबंधों को सुधारने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि भारत-चीन को आपसी संबंधों को सुधारने के लिए आपसी सहमति से सभी मतभेदों को दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत-चीन को किसी भी तरह के विवादों को बढ़ाने से बचना चाहिए। दोनों देशों को एक-दूसरे पर भरोसा रखना चाहिए।
विडोंग ने कहा कि लंबे समय से चला आ रहा सीमा विवाद एक संवेदनशील मुद्दा है। हमें शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए इसका ऐसा समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए, जो दोनों पक्षों को स्वीकार हो।
आपसी संबंधों के लिए विडोंग ने 5 पॉइंट सुझाए
- भारत और चीन को साझेदार बनना चाहिए, प्रतिस्पर्धी नहीं।
- दोनों देशों को आपसी संघर्ष की बजाए शांति बनाकर रखनी चाहिए।
- भारत-चीन को ऐसे कदम उठाने चाहिए, जिनसे दोनों का फायदा हो।
- दोनों को देशों को एक-दूसरे पर शक करने की बजाय भरोसा रखना होगा।
- दोनों देशों को अपने रिश्तों को आगे की ओर ले जाना चाहिए।
अजित डोभाल ने की थी चीनी विदेश मंत्री से बात
भारत-चीन के बीच 15 जून को गलवान में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। चीन के भी 40 सैनिक मारे गए, लेकिन उसने यह कबूला नहीं। गलवान झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सेना के अफसरों के बीच कई दौर की बात हुई, लेकिन सहमति नहीं बन आई थी। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री मंत्री वांग यी से वीडियो कॉल पर दो घंटे चर्चा की थी। बातचीत के कुछ ही घंटे बाद चीन ने सेना वापस बुलाने का फैसला किया था।