बैंक, पोस्ट ऑफिस से आयकर विभाग की वेबसाइट लिंक, चेक करेंगे खाताधारक रिटर्न भरता है या नहीं
इंदौर. 1 जुलाई से 20 लाख से अधिक की सालाना राशि निकालने पर दो फीसदी टीडीएस काटने का प्रावधान रिटर्न नहीं भरने वाले करदाताओं के लिए कर दिया गया है। रिटर्न भरने वालों के लिए यह सीमा एक करोड़ रुपए प्रति साल है। अब विभाग ने खाताधारक के करदाता होने या नहीं होने की जांच करने के लिए बैंक, पोस्ट ऑफिस, सहकारी बैंकों को आयकर विभाग की वेबसाइट से लिंक कर दिया है। इससे यह सीधे चेक कर सकेंगे कि खाताधारक आयकर रिटर्न भरता है या नहीं।
सीए अभय शर्मा ने बताया कि नए प्रावधान के तहत खाताधारक की जानकारी चेक करने के लिए बैंकों, को-ऑपरेटिव सोसायटी और पोस्ट ऑफिस को आयकर विभाग की वेबसाइट पर क्विक लिंक के नीचे वेरिफिकेशन ऑफ एप्लीकेबिलिटी 194 एन विकल्प पर क्लिक करना होगा। टीडीएस रेट की एप्लिकेबिलिटी चेक करने के लिए इसमें पैन नंबर डालना होगा। यह नंबर डालते ही संदेश दिखेगा कि एक करोड़ से अधिक की नकद निकासी पर दो फीसदी की दर से टीडीएस काटना है, (यदि ग्राहक रेगुलर रिटर्न दाखिल करता है) या बीस लाख से अधिक की नकद निकासी पर दो फीसदी टीडीएस और एक करोड़ से अधिक की निकासी पर पांच फीसदी की दर से टीडीएस काटना है (यदि ग्राहक रेगुलर रिटर्न दाखिल नहीं करता है)। यह सिस्टम पूरी तरह वेब बेस्ड और ऑटोमैटिक है और बैंकों के इंटरनल कोर बैंकिंग सिस्टम से लिंक रहेगा। यानी यदि बैंक के सिस्टम में ग्राहक का पैन नंबर अपडेट है और वह नकद राशि निकालता है तो यह सिस्टम ऑटोमैटिक काम करेगा।
सीबीडीटी ने पांच साल में इनवैलिड रिटर्न के लिए वनटाइम विंडो खोली
सीबीडीटी ने वनटाइम विंडो खोली है, जिसमें वित्तीय साल 2014-15 से 2018-19 के बीच यदि किसी करदाता का रिटर्न इनवैलिड हो गया है तो वह फिर से प्रक्रिया कर सकता है। ऑनलाइन रिटर्न भरने के बाद करदाता को इसे डिजिटल हस्ताक्षर के जरिए, ओटीपी के माध्यम से या भरे रिटर्न का प्रिंट लेकर 120 दिन में बेंगलुरू सेंट्रल प्रोसेसर सेंटर को भेजना होता है, लेकिन जो करदाता यह नहीं कर पाता, उसका रिटर्न इनवैलिड घोषित हो जाता है। चार्टर्ड अकाउंटेंट पंकज शाह ने बताया कि करदाता को यह प्रक्रिया 30 सितंबर तक करना होगी, इससे उनके रिटर्न वैलिड मानकर प्रोसेस किए जाएंगे और अटके रिफंड भी मिल सकेंगे। सीए सोमेंद्र शर्मा ने कहा कि करदाता के प्रक्रिया करने के बाद विभाग 31 दिसंबर तक इन्हें प्रोसेस कर देगा, जिससे रिफंड आ सकेंगे।