बक्सर के सदर अस्पताल में बड़ी लापरवाही:कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर और हाथ में नवजात को लिए अस्पताल में भटकते रहे मां-बाप, इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ा
बिहार में अस्पतालों के अंदर से आ रही तस्वीरें बताती हैं कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है। मरीज दम तोड़ रहे हैं लेकिन उन्हें पूछने वाला कोई नहीं है। स्वास्थ्य व्यवस्था के सारे दावे खोखले हैं। इलाज के नाम पर हो रही है तो बस खानापूर्ति।
स्वास्थ्य व्यवस्था की दम तोड़ती एक तस्वीर बक्सर से सामने आई है। यहां कंधे पर ऑक्सीजन सिलेंडर लिए पिता और नवजात को हाथ में लिए मां अस्पताल में भटक रही है लेकिन किसी ने उनकी मदद नहीं की। चंद घंटों बाद नवजात ने दम तोड़ दिया। बेबस और लाचार गरीब मां-बाप कुछ नहीं कर सके। बच्ची की मौत के बाद मां-बाप उसे लेकर चले गए।
बताया जा रहा है कि यह तस्वीर बक्सर के सदर अस्पताल की है और 23 जुलाई को ली गई है। बक्सर के सखुआना गांव निवासी सुमन कुमार की पत्नी ने बच्ची को जन्म दिया था। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। माता-पिता बच्ची को लेकर तुरंत सदर अस्पताल पहुंचे। लेकिन, कागजी कार्रवाई में देर हो गई और नवजात ने दम तोड़ दिया।
इससे पहले पटना एनएमसीएच में स्वास्थ्य विभाग की कई लापरवाही सामने आ चुकी है। 19 जुलाई को अस्पताल के अंदर के एक तस्वीर सामने आई थी, जिसमें आइसोलेशन वॉर्ड में ही कोरोना मरीज का शव दो दिनों से पड़ा हुआ था। अगले दिन एक और तस्वीर सामने आई जिसमें वॉर्ड के बाहर स्ट्रेचर पर एक शव 24 घंटे से पड़ा था और किसी ने उसे नहीं हटाया। खबर मीडिया ने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन जागा और शव को तुरंत हटाया गया। इस तरह के कई मामले लगातार सामने आ रहे हैं।