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नकुल नाथ ने कहा- उप चुनाव में युवाओ का नेतृत्व मैं करुंगा, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू और जयवर्धन मेरे साथ अपने-अपने क्षेत्रों काम करेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुल नाथ ने कहा है कि आगामी महीनों में होने वाले उपचुनाव में वे युवाओं का नेतृत्व करेंगे। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे युवा विधायक जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, सचिन यादव, ओमकार मरकाम और हनी बघेल अपने-अपने क्षेत्रों में मेरे साथ काम करेंगे। नकुल नाथ के इस बयान के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। हालांकि बयान देते समय नकुल नाथ ये बात भूल गए कि जिन विधायकों का नाम वे अपने साथ काम करने के लिए ले रहे हैं वे उनसे काफी वरिष्ठ हैं।

उनका बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस अपने ही विधायकों को टूटने से बचाने की जद्दोजहद में लगी हुई है। वीडियो में नकुल नाथ ने भाजपा पर कई आरोप लगाने के बाद कहा कि पिछले मंत्रिमंडल में हमारे जो युवा मंत्री थे, जैसे कि जीतू पटवारी, जयवर्धन सिंह, हरि बघेल, सचिन यादव, ओमकार मरकाम, ये सब अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले उपचुनाव में युवाओं का नेतृत्व मेरे साथ करेंगे।

इससे पहले भोपाल में जुलाई के पहले सप्ताह में दिग्विजय सिंह के पुत्र पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह जन्मदिन पर भावी मुख्यमंत्री के पोस्टर लगाए गए थे। यह पोस्टर युथ कांग्रेस द्वारा लगाया गया था। जिस पर लिखा था ‘मध्य प्रदेश के ‘भावी मुख्यमंत्री’ जयवर्धन सिंह को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं, प्रदेश की शक्ति, कांग्रेस की शक्ति, युवा शक्ति। सोशल मीडिया पर ये पोस्टर वायरल होते ही भाजपा ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधना शुरू कर दिया था। इसके साथ ही प्रदेश में सियासी बवाल भी तेज हो गया हैं। जबकि इस पोस्टर से मचे बवाल के बाद इसे हटा लिया गया था। जुलाई के दूसरे पखवाड़े में नकुल नाथ का बयान सामने आने के बाद आने वाले समय में कांग्रेस प्रदेश के नेतृत्व को लेकर दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों में जोर आजमाईश देखने को मिल सकती है।

सरकार गिरने के बाद कमलनाथ ने कहा था- उन्हें धोखे में रखा गया

मार्च में कांग्रेस सरकार के पतन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि उन्हें दिग्विजय सिंह ने भरोसे में रखा था कि कोई विधायक कहीं नहीं जाएगा। इस वजह से उनकी सरकार गिर गई। कमलनाथ के इस बयान के बाद सियासत गरमा गई थी। हालांकि कमलनाथ ने दूसरे दिन अपने बयान पर कहा था कि उनके कहने का ऐसा आशय नहीं था। लेकिन कमलनाथ के मन की बात का तीर तो निकल चुका था। इसके बाद दिग्विजय सिंह कमलनाथ के यहां डिनर करने पहुंचे थे। दिग्विजय ने भाजपा और आरएसएस पर कमलनाथ और उनकी दोस्ती तोड़ने का आरोप लगाया था।

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