क्रिकेटर मजदूरी करने को मजबूर:भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान पत्थर तोड़कर अपना परिवार पाल रहे, सरकार से कहा- मुझे योग्यता के मुताबिक नौकरी दें
भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र सिंह धामी इन दिनों मजबूरी में पत्थर तोड़कर अपना परिवार पाल रहे हैं। धामी पिथौरागढ़ जिले में स्थित अपने गांव रायकोट में मनरेगा योजना के तहत सड़क निर्माण में मजदूरी कर रहे हैं।
कलेक्टर डॉक्टर विजय कुमार जोगदंडे को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने जिला खेल अधिकारी को राजेंद्र सिंह को तुरंत आर्थिक सहायता मुहैया कराने के लिए कहा है।
राजेंद्र सिंह को सरकारी योजना का लाभ दिलाया जाएगा: कलेक्टर
पिथौरागढ़ के कलेक्टर जोगदंडे ने बताया कि वर्तमान में राजेंद्र सिंह की आर्थिक स्थिति काफी खराब दिख रही है। उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना या किसी और स्कीम के तहत मदद की जाएगी, ताकि वे भविष्य में अपनी आजीविका जुटा सकें।
राजेंद्र सिंह ने सरकार से नौकरी मांगी
धामी ने बताया कि उन्हें एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेना था, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। मैं सरकार से यही गुहार लगाना चाहता हूं कि वे मेरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन के मुताबिक मुझे नौकरी दें।
कोरोना के कारण उनकी क्रिकेट कोचिंग बंद
धामी को 3 साल की उम्र में पैरालिसिस हो गया था, जिसके बाद से वह 90 फीसदी दिव्यांग हैं। मजदूरी करने से पहले धामी कुछ बच्चों को पिथौरागढ़ में ही क्रिकेट कोचिंग देते थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण बच्चों ने आना छोड़ दिया, जिसके बाद परिवार पालने के लिए उन्हें गांव लौटकर मजदूरी करनी पड़ी।