मणिपुर में एनडीए सरकार पर संकट:राज्य में एन बीरेन सिंह की सरकार रहेगी या जाएगी, फ्लोर टेस्ट आज; कांग्रेस और भाजपा ने व्हिप जारी किया
मणिपुर में एनडीए सरकार की रहेगी या जाएगी, इसका फैसला आज हो जाएगा। कांग्रेस मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाई है। इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एस. टीकेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे पास बहुमत है। हम विश्वास मत जीत जाएंगे। हालांकि, सदन में एनडीए गठबंधन सरकार के पास 27 विधायक हैं। कांग्रेस ने 28 जुलाई को भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
अभी क्या स्थिति है
60 सदस्यों वाली विधानसभा में अभी 53 विधायक हैं। 3 एमएलए इस्तीफा दे चुके हैं और चार विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया है। भाजपा के पास 18 विधायक हैं। एनपीपी के 4, एनपीएफ के 4 और एलजेपी के एक विधायक का समर्थन है।
राज्यसभा चुनाव से पहले 3 भाजपा विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे
जून में राज्य में राज्यसभा चुनाव के वक्त सियासी संकट खड़ा हो गया था। जब भाजपा के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए। तीनों ने विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), तृणमूल कांग्रेस के इकलौते विधायक टी रोबिंद्रो और निर्दलीय विधायक शहाबुद्दीन ने भाजपा सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। हालांकि, एनपीपी के चार विधायक वापस गठबंधन में लौट आए थे।
2017 में भाजपा ने सरकार बनाई थी
- 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 21 सीटें जीती थीं। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 4, द नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) को 4, तृणमूल कांग्रेस को एक और जनशक्ति पार्टी को एक सीट मिली थी। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी। भाजपा ने इन्हीं पार्टियों के समर्थन से सरकार बनाई थी।
- कांग्रेस को सबसे ज्यादा 28 सीटें मिली थीं। इसके बाद भी वह सरकार नहीं बना पाई थी। कुछ समय बाद आठ कांग्रेस विधायकों ने गठबंधन सरकार को ज्वाइन कर लिया था।