ट्रांसपोर्टर 3 दिन की हड़ताल पर:प्रदेश में 7 लाख ट्रक और अन्य माल परिवहन वाहनों के पहिए थमे, सरकार को प्रतिदिन 450 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा
परिवहन विभाग की चौकियों से हो रहे भ्रष्टाचार, मप्र में डीजल पर लग रहे सबसे ज्यादा वैट समेत अन्य मांगों को लेकर मप्र के सात लाख ट्रक और अन्य वाणिज्यिक माल परिवहन वाहन साेमवार से तीन दिनी हड़ताल पर चले गए। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस वेस्ट जोन के उपाध्यक्ष विजय कालरा ने कहा कि मप्र में तीन दिन तक रजिस्टर्ड सात लाख ट्रक व अन्य वाणिज्यिक वाहन नहीं चलेंगे। साथ ही मप्र से हर दिन 33 हजार वाहन गुजरते हैं, वह भी नहीं गुजरेंगे।
इंदौर ट्रक ऑपरेटर और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन अध्यक्ष सीएल मुकाती ने कहा कि हम अपनी चार सूत्रीय मांग काे लेकर परिवहन मंत्री से मिले थे, लेकिन उनका रवैया सकारात्मक नहीं था। इसी कारण हमने मध्य प्रदेश में 10 से 12 अगस्त तक परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह से लॉकडाउन करने का निर्णय लिया है। हमारी मांग है कि कोरोनाकाल का परिवहन और गुड टैक्स माफ किया जाए। पिछले एक साल में जो वैट वृद्ध और अन्य टैक्स बढ़ाए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। ड्राइवरों को कोरोना योद्धा मानते हुए उन्हें बीमा की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। मप्र के चेक पोस्ट पर अवैध वसूली बंद की जाए।
प्रतिदिन 450 करोड़ के राजस्व का नुकसान
उन्होंने कहा कि मप्र को यदि आत्मनिर्भर बनाना है तो ट्रांसपोर्ट व्यापार को गति देनी पड़ेगी। लॉकडाउन के कारण इस व्यापार की कमर टूटी हुई है। इस हड़ताल से पूरी जनता प्रभावित होगी। अभी व्यापार 25 से 30 फीसदी जी चल रहा है। 70 से 75 फीसदी व्यापार तो बंद ही है। ऐसे में सरकार को प्रतिदिन 450 करोड़ के राजस्व का नुकसान होगा। यदि 100 फीसदी व्यापार शुरू होता तो सरकार को 2000 करोड़ का नुकसान प्रतिदिन होता। बंद को ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर, डीजल-पेट्रोल के टैंकर, बस और टैक्सी एसोसिएशन के साथ ही अहिल्या चैंबर ऑफ काॅमर्स ने भी एक दिन का समर्थन दिया है।
मप्र में चौकियों पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार
कालरा ने कहा कि हम लगातार मांग कर रहे हैं कि मप्र में चौकियों पर सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है और इन चौकियों से करोड़ों रुपए की काली कमाई की जाती है। डीजल पर मप्र में सबसे ज्यादा वैट लिया जा रहा है, आज 28 रुपए का डीजल मप्र में 81 रुपए से अधिक भाव में बिक रहा है। केंद्र ने भी डीजल पर एक्साइज ड्यूटी साल 2014 से 2020 के दौरान 3.56 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 31.83 रुपए प्रति लीटर कर दी है। लॉकडाउन के दौरान का भी गुड, रोड टैक्स मांगा जा रहा है और पेनल्टी भी लगाई जा रही है। कोरोना काल में सभी को बीमा योजना का लाभ मिला, लेकिन जान जोखिम में डालकर जरूरी सामग्री पहुंचाने वाले ड्राइवर, कंडक्टर को बीमा योजना नहीं दी गई।
मांग नहीं मानी तो तीन दिन बाद देशव्यापी चक्काजाम
एसोसिएशन ने बताया कि यह सांकेतिक लॉकडाउन अभी तीन दिन का और केवल प्रदेशव्यापी है और यदि मांग नहीं मानी गई तो फिर देशव्यापी चक्काजाम किया जाएगा। हड़ताल के दौरान वाहनों को कतार से सीमाओं पर खड़ा करेंगे। 11 अगस्त को चौकियों पर दोपहर दो बजे विरोध में हाॅर्न बजाएंगे। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष केएस अटवाल, प्रदेशाध्यक्ष राकेश तिवारी, राजेंद्र त्रेहान, इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती, देवास नाका ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन अध्यक्ष छतर सिंह भाटी सभी ने हड़ताल का समर्थन किया है।