फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने कहा; रूस वैक्सीन का पहला डोज मुझ पर प्रयोग करे, मैं जनता के बीच इसे लगवाउंगा
रूस की वैक्सीन पर उठते सवालों के बीच फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने इस पर भरोसा जताया है। उनका कहना है, जब भी वैक्सीन आएगी तो जनता के बीच जाकर पहले मैं इसे लगवाउंगा। वैक्सीन का पहला प्रयोग मुझ पर करें। मुझे कोई दिक्कत नहीं। रशिया ने हाल ही में रोड्रिगो को वैक्सीन लगवाने का ऑफर दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार किया है।
अब फिलीपींस रशिया के साथ मिलकर क्लीनिकल ट्रायल करने और स्थानीय स्तर पर वैक्सीन का प्रोडक्शन करने में मदद करेगा। रूस अपनी वैक्सीन Gam-Covid-Vac Lyo का रजिस्ट्रेशन 12 अगस्त को कराएगा। फिलीपींस में अब तक कोरोना के 1,36,638 मामले सामने आ चुके हैं। दक्षिण एशिया में यह सर्वाधिक मामलों वाला देश है।
रजिस्ट्रेशन के बाद जल्द वैक्सीन उपलब्ध कराने की कोशिश
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रशियन गवर्नमेंट 12 अगस्त को वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जल्द से जल्द फिलीपींस को कोविड-19 का टीका उपलब्ध कराएगी। इसके बाद आम लोगों को यह वैक्सीन दी जा सकेगी। रशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि बड़े स्तर पर टीकाकरण के लिए वैक्सीन अक्टूबर में उपलब्ध हो जाएगी।
रशिया में हेल्थ वर्करों को पहले वैक्सीन देने का दावा
रशिया के स्वास्थ्य मंत्री मिखायल मुराशको के मुताबिक, वैक्सीन सबसे पहले उन्हें दी जाएगी जो रिस्क ग्रुप में शामिल हैं, जैसे हेल्थ वर्कर। हालांकि, मिखायल ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि हेल्थ वर्कर तीसरे चरण के ट्रायल का हिस्सा हैं या ट्रायल पूरा होने के बाद इन्हें दी जाएगी।
पिछले महीने चीन से वैक्सीन की मांग की थी
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने पिछले माह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद की गुहार लगाते हुए कहा था कि वे प्राथमिकता के आधार पर कोविड-19 की वैक्सीन हमें उपलब्ध कराने में मदद करें।
बड़े स्तर पर तीन और ट्रायल इसी महीने होंगे
- रशिया के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के परिणाम सामने आए हैं। उनमें बेहतर इम्युनिटी विकसित होने के प्रमाण मिले हैं। दावा किया कि किसी वॉलंटियर्स में निगेटिव साइड-इफेक्ट नहीं देखने को मिले। लैब को वैक्सीन के अप्रूवल का इंतजार है। इसकी अनुमति मिलते ही यह लोगों तक पहुंचाई जा सकेगी।
- रूस ने दावा किया है कि उसने कोरोना की जो वैक्सीन तैयार की है वह क्लीनिकल ट्रायल में 100 फीसदी तक सफल रही है। ट्रायल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को वैक्सीन दी गई उनमें वायरस के खिलाफ इम्युनिटी विकसित हुई है।
- डिप्टी हेल्थ मिनिस्टर ओलेग ने एक कैंसर सेंटर के उद्घाटन पर कहा, वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि वैक्सीन सुरक्षित साबित हो। इसलिए यह सबसे पहले बुजुर्गों और मेडिकल प्रोफेशनल्स को दी जाएगी।