Sun. Nov 24th, 2024

1 सितंबर से बैंकिंग और शेयर बाजार में निवेश सहित इन 6 नियमों में हुए बदलाव, इसका आपकी जेब पर भी होगा असर

नया महीना यानी सितंबर अपने साथ कई बड़े बदलाव लेकर आया है। इसका असर सीधा आपकी जेब पर पड़ेगा। इन बदलावों में बैंकिंग और हवाई यात्रा को लेकर बदलाव भी शामिल हैं। आज हम आपको इन बदलावों के बारे में बता रहे हैं ताकि आप अपने हिसाब से एडजेस्ट कर सकें।

हवाई यात्रा करना होगा महंगा
1 सितंबर से विमान सेवाएं महंगी हो सकती है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 1 सितंबर से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से उच्च विमानन सुरक्षा शुल्क (एएसएफ) वसूलने का फैसला किया है। एएसएफ शुल्क के तौर पर घरेलू यात्रियों से अब 150 के बजाए 160 रुपए वसूला जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय यात्रियों से 4.85 डॉलर के बदले 5.20 डॉलर वसूला जाएगा।

बढ़ेगा ईएमआई का बोझ
कोरोना महामारी को देखते हुए लोन ग्राहकों की ईएमआई पर इस साल मार्च में जो रोक लगी थी, वह 31 अगस्त को खत्म हो रही है। अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से जुड़े सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस सुविधा को आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है। यदि ऐसा होता है तो 31 अगस्त के बाद मोराटोरियम सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा और सितंबर से लोन की किस्त का भुगतान करना होगा।

LPG सिलेंडर के दाम में हुआ बदलाव
1 सितंबर को एलपीजी के दाम में बदलाव किया गया है। जैसा कि हर महीने की पहली तारीख को सिलेंडर की कीमतों में बदलाव होता है। पेट्रोलियम कंपनियों एलपीजी सिलेंडर की कीमत को रिवाइज किया है। इसकी कीमतों में मामूली फेरबदल किया गया है।

GST भुगतान में देरी, तो देना होगा ब्याज
सरकार ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) के भुगतान में देरी की स्थिति में एक सितंबर से कुल टैक्स देनदारी पर ब्याज लगाया जाएगा। इस साल की शुरुआत में उद्योग ने जीएसटी भुगतान में देरी पर लगभग 46,000 करोड़ रुपए के बकाया ब्याज की वसूली के निर्देश पर चिंता जताई थी। ब्याज कुल देनदारी पर लगाया गया था।

शेयर बाजार में पैसा लगाने के नियमों में बदलाव
शेयर बाजार में 1 सितंबर से आम निवेशकों के लिए मार्जिन के नए नियम लागू हो रहे हैं। यानी ब्रोकर की ओर से मिलने वाले मार्जिन का लाभ अब निवेशक नहीं उठा सकेंगे। जितना पैसा वे अपफ्रंट मार्जिन के तौर पर ब्रोकर को देंगे, उतने के ही शेयर खरीद सकेंगे। शेयर बाजार रेग्युलेटर सेबी ने मार्जिन ट्रेडिंग को नए सिरे से तय किया है। अब तक प्लेज सिस्टम में निवेशक की भूमिका कम और ब्रोकरेज हाउस की ज्यादा होती थी। नए सिस्टम में शेयर आपके अकाउंट में ही रहेंगे और वहीं पर क्लियरिंग हाउस प्लेज मार्क कर देगा। इससे ब्रोकर के अकाउंट में स्टॉक्स नहीं जाएंगे। मार्जिन तय करना आपके अधिकार में रहेगा।

Fastag होने पर ही मिलेगा डिस्काउंट
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के नए नियम के अनुसार 24 घंटे के अंदर किसी भी स्थान से वापस आने पर टोल टैक्स में छूट सिर्फ उन्हीं गाड़ियों को मिलेगी, जिनमें फास्टैग लगा होगा। अभी तक यह सुविधा सभी के लिए थी, लेकिन अब टोल टैक्स का कैश भुगतान करने वालों को यह छूट नहीं मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed