कोरोना को हम निजी अस्पतालों के लिए कमाई का जरिया नहीं बनने देंगे; वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा पेश किए गए सुझावों पर गौर करने के बाद की टिप्पणी
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे निजी अस्पतालों द्वारा अनाप-शनाप राशि वसूले जाने को हाईकोर्ट ने आड़े हाथों लिया है। चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस सुजय पॉल की युगलपीठ ने बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा- ‘निजी अस्पतालों के लिए कोरोना को हम कमाई का जरिया नहीं बनने देंगे।’ युगलपीठ ने अदालत मित्र के रूप में पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ द्वारा पेश किए गए सुझावों पर गौर करने के बाद यह टिप्पणी की।
राज्य सरकार, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व नर्सिंग होम एसोसिएशन को पक्ष रखने के निर्देश देकर अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की है। सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल डॉ. अश्वनी कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट को पत्र भेजकर शाजापुर के सिटी हॉस्पिटल में बिल का भुगतान न होने पर एक 80 साल के बुजुर्ग को बंधक बनाने का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट से मामला हाईकोर्ट को भेजा गया। यहां उसकी सुनवाई जनहित याचिका के रूप में की जा रही है। शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आरके वर्मा हाजिर हुए।