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कोविड के डर से कैंसर के इलाज में देरी न करें, सावधानियां बरतें: डॉ. वेदांत काबरा

मणिपाल हॉस्पिटल्स नई दिल्ली से बेहद अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. वेदांत काबरा आयुष्मान हॉस्पिटल में अपनी ऑन्कोलॉजी ओपीडी के दौरान कोविड​​-19 के दौरान कैंसर के इलाज के बारे में जागरुकता पैदा करेंगे

नई दिल्ली स्थित HCMCT मणिपाल हॉस्पिटल्स के बेहद अनुभवी ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. वेदांत काबरा ने आश्वासन दिया है कि अधिकांश कैंसर रोगी, कोविड-19 के बीच भी अपना इलाज योजना अनुसार करवा सकते हैं, ज़रूरत है तो उपचार के क्रम या तीव्रता में कुछ बदलाव करने की। इस पर जोर देते हुए कि इन दिनों भी कैंसर का इलाज सुरक्षित है, ऑन्कोलॉजिस्ट ने कहा
कि कैंसर रोगियों को अगर कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें कोविड के डर से अपने इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कैंसर अलग-अलग गति से बढ़ता है और कुछ बहुत तेजी से गंभीर चरण तक पहुंच सकते हैं। अन्य कैंसर रोगी जब भी संभव हो ऑनलाइन परामर्श लेकर अस्पताल जाने की ज़रूरत को कम कर सकते हैं।

हर महीने HCMCT मणिपाल हॉस्पिटल्स अपने सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के एचओडी, डॉ.वेदांत काबरा के साथ वाराणसी क्षेत्र के लोगों को विश्वस्तरीय कैंसर हेल्थकेयर सुविधाएं देने के लिए ऑन्कोलॉजी ई ओपीडी का आयोजन करता है। महीने भर में पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर लोगों को ई-परामर्श भी दिया जाता है। इस महीने ऑन्कोलॉजी ओपीडी
का मुख्य ध्यान कोविड-19 के दौरान कैंसर के उपचार के बारे में जागरुकता पैदा करने पर होगा।

ओपीडी का आयोजन आयुष्मान अस्पताल, वाराणसी के सहयोग से 12 सितंबर को (शनिवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक) किया जाएगा। डॉ. काबरा रोगियों को परामर्श भी देंगे और जागरुकता फैलाएंगे। ओपीडी सेवा का उद्देश्य उचित जांच करके बीमारी पहचानने और समय पर उपचार कराने पर जागरुकता पैदा करना है। इस बात पर सहमति व्यक्त करते हुए कि फिलहाल इलाज करवाने के लिए आने वाले कैंसर के रोगियों में कोविड​​-19 का संक्रमण होने की आशंका अधिक है, जो कि ज़्यादा गंभीर हो सकता है और आम लोगों की तुलना में इसका परिणाम अधिक खराब हो सकता है, डॉ. काबरा ने कहा,
डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और दिल की समस्याओं से पीड़ित लोगों को अगर कोविड-19
संक्रमण हो जाए तो इन पर कैंसर के रोगियों से भी बुरा असर पड़ता है। अगर किसी व्यक्ति
को ये दो या उससे ज़्यादा बीमारियां हैं, तो दिक्कतें और भी बढ़ जाती हैं। कैंसर के मरीज़ों के लिए कोविड काल के दौरान किन सावधानियों और बातों पर ध्यान देना चाहिए

डॉ. वेदांत काबरा के अनुसार, सोशल डिस्टैंसिंग, निजी स्वच्छता पर ध्यान देना, मास्क पहनना लक्षण​ दिखने पर खुद आइसोलेट हो जाना, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना व्यायाम, योग करना और दवा लेना, हाइड्रेटेड रहना, संतुलित आहार और इम्यूनिटी बूस्टर लेना सामान्य उपाय हैं, जिनका पालन हर किसी को करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मरीज़ों को उनके कैंसर की स्थिति और इलाज की गंभीरता के अनुसार तीन
व्यापक समूहों में बांटा जा सकता है वे रोगी जो फिलहाल बीमारी से मुक्त हैं (3 महीने पहले इलाज किया गया था), उन्हें
कोविड-19 का ज़्यादा जोखिम नहीं हैं। उन्हें सभी आम सावधानियों का पालन करना चाहिए। उन्हें कम से कम सफ़र करना चाहिए और अपनी सामान्य दवाएं लेते रहना चाहिए। अगर ज़रूरी न हो तो अपने ऑन्कोलॉजिस्ट से बाद में फॉलो अप करें और जांच करवाएं। फॉलो अप या जांचों की गंभीरता को समझने के लिए आप अपने ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ एक ऑनलाइन परामर्श शेड्यूल कर सकते हैं। यदि ज़रूरी हो तो नज़दीकी अस्पताल में जाएं वर्तमान में कैंसर का इलाज करवा रहे रोगी को अपना उपचार यथासंभव जारी रखना चाहिए और इलाज में किसी भी बदलाव के बारे में अपने ऑन्कोलॉजिस्ट से चर्चा करनी
चाहिए। घर के करीब का कोई अस्पताल चुनें और अस्पताल जाना/सफ़र करना कम से कम करें चूंकि कैंसर के अधिकांश उपचार कुछ हद तक इम्यूनिटी को प्रभावित करते हैं इसलिए अपने परिवार के किसी व्यक्ति से संक्रमित होने की संभावना को कम करने के लिए आपको घर में खुद को आइसोलेट कर लेना चाहिए।

एक रोगी जिसमें कैंसर के संदिग्ध लक्षण हैं या हाल के दिनों में उसे अपने कैंसर के बारे में पता चला है, तो उसे घबराहट या अनुचित तनाव महसूस नहीं करना चाहिए। अपने ऑन्कोलॉजिस्ट के साथ उस कैंसर की जानकारियों पर चर्चा करें, जैसे कि चरण, उपचार के विकल्प और अनुक्रम, जटिलताएं, अपेक्षित परिणाम और उपचार में देरी करने के
असर। ऑन्कोलॉजिस्ट द्वारा सुझाए गए परीक्षणों को जितनी जल्दी हो सके और कम से कम अस्पताल जाकर पूरा करना चाहिए कोविड के डर से कैंसर के उपचार में देरी करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए डॉ. काबरा ने कहा हम देख रहे हैं कि कई मरीज़ इस महामारी के ठीक होने का इंतज़ार करते हुए परीक्षणों या उपचार में देरी करते हैं जिसकी वजह से कैंसर बढ़कर लाइलाज स्थिति में पहुंच जाता है कैंसर अलग-अलग गति से बढ़ता है और बहुत धीमे-धीमे बढ़ने वाले कैंसर के कुछ ही मरीज़ इलाज शुरू करने से पहले किसी खास नुकसान के बिना कुछ हफ़्तों तक रुक सकते हैं। बाकी सभी को
अपना इलाज तुरंत शुरू करना चाहिए।”

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