मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र से पहले बैठक:एक दिन का सत्र 21 सितंबर को होगा; सिर्फ बजट पेश किया जाएगा, कांग्रेस ने भी अपनी सहमति दी
मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनावों की सरगर्मी के बीच विधानसभा का एकदिवसीय सत्र 21 सितंबर को होगा। इस दौरान सिर्फ बजट पेश किया जाएगा। इसके अलावा कुछ नहीं होगा। इसका निर्णय मंगलवार सुबह विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक में लिया गया। इस पर कांग्रेस ने भी अपनी सहमति दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बजट पास होना जरूरी है। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह सिर्फ एक दिन का होगा। प्रश्नकाल नहीं होगा। अगर कोई सवाल आता है, तो उस पर चर्चा की जाएगी।
इससे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि विधानसभा से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष समेत सभी दलों के लोग होते हैं। इसी दौरान स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव भी किया जाएगा। सत्र में सिटिंग अरेंजमेंट और प्रश्नकाल के होने या नहीं होने पर चर्चा की गई। कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना जरूरी है, लेकिन जनता से जुड़े कामों को भी करना है। इसलिए इसे एक दिन का रखने का निर्णय लिया गया है, ताकि बजट पेश हो सके।
कमलनाथ पहले ही चिंता जाहिर कर चुके थे
मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पिछले गुरुवार को अचानक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस पहुंचे थे। दोनों नेताओं के बीच विधानसभा सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा, सीएम शिवराज और कमलनाथ के बीच उन विषयों को लेकर भी बातचीत हुई, जिनकी चर्चा विधानसभा सत्र के दौरान होने वाली है। मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 21 सितंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र तीन दिन का होगा, जो 23 सितंबर तक चलेगा। उन्होंने सत्र को लेकर चिंताएं भी व्यक्त की थीं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ बजट पर सहमत हुए हैं। अगर सत्र अधिक दिन का रहा तो हम चाहते हैं विधायकों के जो प्रश्न और ध्यानाकर्षण आएं उनका जवाब मिलना चाहिए।
इसलिए एक दिन का सत्र
- मौजूदा स्थिति में 108 विधायक ही बैठ सकते हैं।
- प्रदेश में कई विधायक कोरोना पॉजिटिव हैं
- दो सत्रों के बीच छह महीने की संवैधानिक अनिवार्यता के कारण दिन का सत्र बुलाया गया।
- सत्र में सिर्फ बजट पास किया जाएगा।
- दर्शक दीर्घा में विधायकों को बैठाया जा सकता है।
- अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी सीमित की जाएगी।