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गहलाेत देश के नामचीन डॉक्टर के साथ प्रदेश की जनता से रूबरू हुए, सीएम बोले- निरोगी राजस्थान मुहीम ने कोरोना से लड़ने में मदद की

कोरोनाकाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को देश के नामचीन डॉक्टरों के साथ पहली बार प्रदेश की जनता से सीधे रूबरू हुए। इस दौरान अधिकारियों द्वारा चार्ट के माध्य से राजस्थान में कोरोना के लॉकडाउन और अनलॉक में आए केसों में अंतर के बारे में बताया गया। साथ ही राजस्थान में कोरोना से लड़ने के लिए किस तरह के इंतजाम किए गए। इसकी भी जानकारी दी गई। कॉन्फ्रेंस की शुरुआत एसएमएस अधीक्षक सुधीर भंडारी द्वारा की गई। उन्होंने बताया कि राज्य में रुटीन टेस्टिंग मार्च में ही शुरू कर दी गई थी। मार्च में जब इलाज उपलब्ध नहीं था, एसएमएस की टीम द्वारा जानकारी जुटाकर पीडितों को दवा दी गई।

अशोक गहलोत ने कहा कि विश्व में भारत पहला देश बना गया है, जहां रोज 1 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं। आज कोरोना लोगों की लड़ाई बन गया है। इसके लिए खुद आगे आना पड़ेगा। डॉक्टर देवी शेट्टी ने पहले की कोरोना के बारे में चेता दिया था। उन्होंने मार्च से पहले ही सब कुछ बता दिया था। जिसका फायदा राजस्थान की जनता को मिला। हमने राजस्थान में स्वास्थ मित्र तैयार किए थे। जो कोरोना काल में हमारे काम आया। हमने पहले ही निरोगी राजस्थान की तैयारी कर रखी थी।

चिकित्सा मंत्री बोले- कोरोना बढ़ रहा, लोगों में डर

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस को इसलिए रखा गया है कि जिससे डॉक्टर राज्य की जनता को बता सकें कि कोरोना से कैसे लड़ा जाए। अभी तक इसकी कोई अधिकारिक दवा नहीं आई है। लोगों में डर न हो। इसलिए ये कार्यक्रम रखा गया है।

कोरोना अब भी एक साल तक रहेगा- डॉक्टर देवी शेट्टी

डॉक्टर देवी शेट्टी ने कहा कि हमारी सरकार ने अच्छा काम किया है। कोरोना लोगों की लापरवाही से ही फैल सकता है। सरकार अपना काम कर रही है। इस बात के पर्याप्त सबूत है कि मास्क पहने से कोरोना होने की संभावना कम हो जाती है। लॉकडाउन कोई ऑप्शन हीं है। दुकानों को खोलना ही पड़ेगा, लेकिन बेमतलब ही भीड़ से बचना होगा। नौजवान मर रहे हैं, क्योंकि वो अस्पताल देरी से आए। कोरोना अब भी एक साल तक नहीं जाएगा। अगर कोरोना एक साल रहता है तो हमारे पास इसके लिए कितने डॉक्टर हैं। कोरोना महामारी के इस समय में हमारे पास मौका है कि हम देश की मेडिकल व्यवस्था को मजबूत कर सकें।

मास्क एक तरह से वैक्सीन ​​​​​​- डॉक्टर एसके सरीन
डॉक्टर एसके सरीन ने कहा कि जो भी अस्पताल और डिस्पेंसरी में जाता है उसका कोरोना टेस्ट किया जाए। लॉकडाउन में हमने नियमों की पलना की। अनलॉक में लोग बेपरवाह हो गया। जो मास्क नहीं पहले उसे समझाएं। उसे मास्क पहनने के लिए जागरुक करें। ये हर किसी की जिम्मेदारी है। मास्क पहने बोलते वक्त भी नहीं उतारें। मास्क पहनकर भी आप बोल सकते हैं। मास्क एक तरह से वैक्सीन है। अगर आपने मास्क नहीं पहना तो वायरस आप तक पहुंच सकता है। कोई बोल रहा है या खांस रहा है तो वायरस 20 फीट तक जा सकता है।

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