टिकटॉक और वीचैट की डाउनलोडिंग बैन कर सकता है अमेरिका; 20 सितंबर तक इन कंपनियों को यूएस में अपना बिजनेस बेचने पर फैसला करना है
टिकटॉक और वीचैट जैसी चाइनीज ऐप पर अमेरिकी सरकार की सख्ती बरकरार है। कॉमर्स डिपार्टमेंट 20 सितंबर तक इन दोनों ऐप की डाउनलोडिंग बैन कर सकता है। इसके बाद ऐप डाउनलोडिंग के लिए गूगल प्ले स्टोर जैसे प्लेटफॉर्म से इन दोनों ऐप को हटाने का ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद देश में कोई भी ये ऐप डाउनलोड नहीं कर सकेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 6 अगस्त को टिकटॉक की पैरेंट कंपनी बाइटडांस को अपना अमेरिका कारोबार बेचने का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अगर 45 दिन में कंपनी अपना बिजनेस किसी अमेरिकी कंपनी को नहीं बेचती है तो इस पर रोक लगा दी जाएगी।
दोनों ऐप पर बाद की सख्त पाबंदियों को लेकर बाद में घोषणा होगी
कॉमर्स डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को कहा कि रविवार तक ऐप स्टोर पर वीचैट या टिकटॉक को बनाए रखने के लिए किसी भी प्रयास को रोका जा सकेगा। विभाग ने कहा कि रविवार की शुरुआत से वीचैट से जुड़े इंटरनेट ट्रैफिक को होस्ट या ट्रांसफर करना गैरकानूनी होगा। आगे की सख्त पाबंदियों की घोषणा बाद में भी की जा सकती है।
ट्रम्प ने टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था
ट्रम्प ने टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और इकोनॉमी के लिए खतरा बताया था। उन्होंने कहा था कि टिकटॉक ऑटोमैटिकली यूजर की जानकारी हासिल कर लेता है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी, ट्रांसपोर्टेशन सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन और आर्म्ड फोर्सेस में टिकटॉक का इस्तेमाल पहले ही बंद किया जा चुका है।
अब भी बैन से बच सकता है टिकटॉक
बाइटडांस अपने शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म को अमेरिकी कंपनियों से बेचने का सौदा कर रहा है। अगर सौदा हो जाता है तो बैन नहीं लगाया जाएगा। बाइटडांस ओरेकल कॉर्प्स और कुछ दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर एक नई कंपनी बनाने पर बातचीत कर रही है। अगर ऐसा होता है तो यह बैन होने से बच सकता है। हालांकि, इसके लिए भी ट्रम्प की मंजूरी जरूरी होगी।
अमेरिका शिफ्ट होगा बाइटडांस का हेडक्वार्टर
चीन की दिग्गज इंटरनेट कंपनी बाइटडांस ने अपने शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म टिकटॉक का मुख्यालय अमेरिका शिफ्ट करने का फैसला किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से लगाए गए बैन से बचने के लिए चीनी कंपनी ने यह फैसला किया है। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीजीटीएन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।