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मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव:आचार संहिता लागू; प्रदेश में अटक गए 4 हजार करोड़ के काम, इसमें सांवेर की 2600 करोड़ की सिंचाई योजना भी शामिल

मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों की घोषणा हो गई है। इसके साथ प्रदेश के 19 जिलों में आचार संहिता लागू हो गई है। अब जिन सीटों पर चुनाव हैं, वहां सभी तरह के सरकारी निर्माण कार्यों के भूमिपूजन, लोकार्पण और शिलान्यास पर रोक लग जाएगी। उपचुनाव के दौरान कोई नई घोषणा नहीं हो पाएगी। हालांकि, जो काम पहले से चल रहे हैं, उनमें कोई रुकावट नहीं आएगी।

तारीखों की घोषणा होते ही 19 जिलों में लगेगी आचार संहिता

मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ 28 विधानसभा सीटों के 19 जिलों में सरकारी घोषणाओं, भूमिपूजन, लोकार्पण और शुरू होने वाले अन्य सरकारी प्रोजेक्ट पर रोक लग जाएगी। इसके बाद चुनाव आयोग सरकार के हर एक मूवमेंट पर नजर रखेगा। जहां चुनाव हैं, वहां ट्रांसफर और पोस्टिंग पर रोक रहेगी। ऐसा कोई फेरबदल चुनाव आयोग ही कर सकेगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश सरकार कोई ऐसी घोषणा नहीं कर पाएंगे, जो प्रदेशभर की जनता को प्रभावित करती हो।

भोपाल और इंदौर मेट्रो के काम प्रभावित हो सकते हैं

सरकार ने कुछ दिन पहले ही दोनों शहरों को मेट्रो सिटी बनाने की घोषणा की है। इसमें भोपाल से मंडीदीप तक के एरिया को शामिल किया जाएगा। चूंकि मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र रायसेन जिले में आता है, जिससे यहां पर मेट्रो से जुड़े काम प्रभावित होंगे। जबकि सांवेर में उपचुनाव होने के चलते इंदौर जिले में शुरू होने वाला काम भी प्रभावित हो सकता है।

ग्वालियर-चंबल में इन कार्यों पर लगेगी रोक

  • ग्वालियर में स्मार्ट सिटी के तहत बनने वाली 15 किलोमीटर लंबी 210 करोड़ की स्मार्ट रोड का काम रुक जाएगा।
  • चंबल से ग्वालियर के टिगरा जलाशय को भरने वाले प्रोजेक्ट पर भी दो महीने के लिए रोक लग जाएगी।
  • शिवपुरी से ग्वालियर तक रेलवे ब्रॉडगेज का काम बंद हो जाएगा।
  • शिवपुरी में ही 226 करोड़ से बन रहा सर्कुलर डैम का काम भी रुक जाएगा।
  • मुरैना और भिंड में चंबल प्रोग्रेस वे के लिए।

4 हजार करोड़ से ज्यादा के शिलान्यास, 1 हजार करोड़ के लोकार्पण पर चुनाव तक रोक

शिवराज सरकार उपचुनाव वाले क्षेत्रों में फिलहाल इन क्षेत्रों में करीब 4000 करोड़ के कार्यों का शिलान्यास और 1000 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण किया गया है और ये लगातार जारी है। इसमें सांवेर में 2600 करोड़ रुपए की नर्मदा जल योजना भी शामिल है। सीएम शिवराज ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों में जितने भी भूमि पूजन और शिलान्यास कार्यक्रम किए हैं, उन पर चुनाव आचार संहिता लगते ही रोक लग जाएगी। ये काम चुनाव के बाद ही चालू हो जाएंगे। प्रदेश की 28 सीटों में होने वाले उपचुनाव को लेकर चुनाव आयोग भी सक्रिय हो गया है। सभी कलेक्टर्स से जिलों में होने वाले कार्यों, हाल में हुए भूमिपूजन और शिलान्यास का डेटा कलेक्ट किया जा रहा है।

आचार संहिता में इस बार रहेगा बदलाव

आयोग इस चुनाव के लिए आचार संहिता में थोड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। इसमें यदि कोई सीट नगर निगम क्षेत्र में आती है तो वहां चुनाव आचार संहिता निगम क्षेत्र में नहीं, बल्कि सिर्फ विधानसभा क्षेत्र तक सीमित रहेगी। यानी बाकी निगम क्षेत्र में कामकाज सामान्य तौर पर जारी रहेंगे। जबकि जिन सीटों में नगर निगम नहीं है, वहां यह पूरे जिले में लागू रहेगी। 28 में से 13 सीटें 7 जिलों के नगर निगम के अंतर्गत हैं तो 15 सीटें 12 जिलों में।

इन जिलों में पूर्ण आचार संहिता

12 जिले-15 सीटें: सांची (रायसेन), अनूपपुर (अनूपपुर), सुवासरा (मंदसौर), बदनावर (धार), ब्यावरा (राजगढ़), अशोकनगर-मुंगावली (अशोकनगर), बामोरी (गुना), करैरा-पोहरी (शिवपुरी), भांडेर (दतिया), बड़ा मलहरा (छतरपुर), मेहगांव-गोहद (भिंड), आगर (आगरमालवा)।

यहां सीमित आचार संहिता

7 जिले-13 सीटें: इंदौर, ग्वालियर, बुरहानपुर, खंडवा, सागर, देवास, मुरैना। इनमें जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, ग्वालियर 15, ग्वालियर पूर्व, डबरा, मांधाता, नेपानगर, हाटपिपल्या, सुरखी, सांवेर।

चुनाव आचार संहिता क्या होती है?

देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आदर्श आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/विधानसभा चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।

कब से कब तक लागू रहती है

आदर्श आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है।

आचार संहिता के नियम क्या हैं?

आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी भी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता, जिससे किसी दल विशेष को फायदा पहुंचता हो।आचार संहिता लगने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं।सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता।किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस/प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होता है।किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे।

आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई ?

चुनाव आचार संहिता के नियम सख्ती से लागू होते हैं, अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान भी है।

कैसे लागू होते हैं प्रतिबंध?

चुनाव आयोग चुनाव की तारीखों के ऐलान से 72 घंटे पहले सरकार से ऐसे कामों की सूची मांग लेता है, जो पहले से चल रहे हैं या अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं।चुनाव आचार संहिता के प्रतिबंध नई योजनाओं के साथ पहले से चल रही योजनाओं और निर्माण कार्यों पर भी लागू होती है। लेकिन जन-उपयोगी योजनाएं, जो पूरी होने की अवस्था में हैं, उन्हें आचार संहिता का बहाना बनाकर बीच में छोड़ा नहीं जा सकता है।जहां काम पूरा हो चुका हो, उसके भुगतान के लिए जरूरी निधि बिना किसी आपत्ति के जारी की जा सकती है।

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