मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव:भाजपा 3 सीटों पर नाम तय नहीं कर पा रही; अब कांग्रेस को बीजेपी के उम्मीदवार घोषित होने का इंतजार
मध्यप्रदेश में होने वाले 28 सीटों के उपचुनाव के लिए जहां भाजपा अभी तक अपने एक भी उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा नहीं कर पाई है, तो वहीं कांग्रेस भी 4 सीटों पर उम्मीदवार के नाम तय करने में हिचकिचा रही है। हालांकि अब कांग्रेस को इंतजार भाजपा की सूची जारी होने का है, ताकि वह अपना अगला कदम रख सके।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक का कहना है कि जल्द ही वह अपने शेष उम्मीदवारों की घोषणा कर देंगे, जबकि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नाम पहले से ही तय है। घोषणा भी कर दी जाएगी। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इस बार मुख्यमंत्री निवास में दीपावली कमलनाथ मनाते हैं या फिर शिवराज सिंह चौहान।
भाजपा की परेशानी का कारण
भाजपा की ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हुए समझौते के तहत कांग्रेस से भाजपा में आए सभी 22 उम्मीदवारों को टिकट देना मजबूरी है। इसके साथ बाद में आए तीन अन्य कांग्रेस नेताओं को भी टिकट दिए जाने का दबाव है। इन सभी 25 उम्मीदवारों के अलावा जौरा, आगर बड़ामलहरा सीटों पर ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ रही है। यहां पर एक से अधिक दावेदार पार्टी से टिकट चाहते हैं। पार्टी को इस बात का डर है कि टिकट न मिलने से कहीं भीतरघात ना हो जाए। इसी को देखते हुए संभावित उम्मीदवारों की अब तक तीन बार प्रदेश प्रभारियों के साथ बैठक का दौर हो चुका है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। पहले भोपाल, फिर दिल्ली और फिर भोपाल में सभी सीटों को लेकर मंथन किया जा चुका है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण में नहीं दिख रही है। इधर, डबरा और सांची समेत पांच से 6 सीटों पर पार्टी को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। हालांकि यहां पर पार्टी पहले से ही संभावित उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार कर रही है, लेकिन अब पार्टी को कुछ सीटों पर हार की ज्यादा आशंका लगने लगी है। इसी कारण पार्टी उम्मीदवारों के नाम की घोषणा के पहले सभी नेताओं को साधने में लगी है। पार्टी में उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी शीर्ष नेता एकमत नजर नहीं आ रहे हैं।
कांग्रेस वेट एंड वॉच की स्थिति में
इधर, कांग्रेस ने भाजपा से पहले अपने 15 और फिर 9 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। हालांकि 4 सीटों पर वह अभी तक नामों को फाइनल नहीं कर पाए हैं। इसकी मुख्य वजह इन सीटों पर दावेदारों का अधिक होना है। पार्टी को डर है कि अगर वह टिकट ना मिलने वालों को साधने में नाकामयाब होती है, तो यह सीट उनके हाथ से निकल सकती है। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए सभी 28 सीटों को जीतना जरूरी है। इसमें ब्यावरा, बड़ामलहरा, मुरैना और मेहगांव है। इसी के चलते पार्टी को बदनावर से अपने एक उम्मीदवार को विरोध के बाद बदलकर दूसरे नाम तक की घोषणा करनी पड़ी। ऐसे में कांग्रेस का अगला कदम अब भाजपा की लिस्ट जारी होने तक रुक गया है। प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक का कहना है कि नाम तय हो चुके हैं। दो-तीन दिन में उसकी घोषणा भी कर दी जाएगी। भाजपा तो अभी तक एक भी नाम की घोषणा नहीं कर सकी है।
9 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हो जाएगी
अधिसूचना जारी होने में अब महज 3 दिन ही रह गए हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों के नेताओं में हलचल बढ़ गई है। वह हर तरह से पार्टी का टिकट पाने के लिए जुगत लगा रहे हैं। यही कारण है कि कई जगह प्रमुख बड़े नेताओं का विरोध शुरू हो गया है, तो कई कार्यकर्ता राजधानी आकर भी पार्टी कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। नामांकन भरने की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर है और नाम वापसी की 19 अक्टूबर हैं। प्रदेश में 3 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 10 नवंबर को फैसला आ जाएगा।