कांग्रेस बनाम बीजेपी:गुटबाजी-भितरघात के खतरे के बीच बीजेपी-कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षों की नगर निगम चुनाव में हाेगी पहली परीक्षा

जाेधपुर, जयपुर और काेटा के छह नगर निगमाें के चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्षाें के लिए एक बड़ी चुनाैती हाेगी। प्रदेशाध्यक्षाें के कार्यकाल में पहला माैका हाेगा, जब इस तरह से तीन बड़े शहराें के छह नगर निगम चुनाव पार्टी उनके नेतृत्व में लड़ेगी। ऐसे में पार्टियां चुनाव लड़ने में काेई कसर नहीं छाेड़ेगी, लेकिन दाेनाें ही पार्टियाें के लिए सबसे अधिक खतरा भीतरघात का है।
गुटबाजी से जिस पार्टी काे निजात मिलेगी, उसका ही पलरा भारी रहेगा। इन तीनाें जिलाें में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं की साक भी दाव पर लगेगी। सांसद, सांसद प्रत्याशी, विधायक, विधायक प्रत्याशी और संगठन के नेताओं काे जीत के लिए काम करने की जिम्मेदारी देगी।
निगमाें पर कब्जा करने का कांग्रेस ने पहले ही बना लिया था प्लान
कांग्रेस ने निगमाें का चुनाव जीतने के लिए पहले ही प्लान तैयार करा लिया था। इसके तहत निगमाें काे दाे हिस्साें में बांटकर 3 की जगह 6 नगर निगम तैयार करवाए गए थे। मेयर का चुनाव भी पार्षदाें के माध्यम से कराने पर सहमति बनवाई थी। कुल मिलाकर ये सब कांग्रेस की एक रणनीति का पार्ट था ताकि डवलपमेंट के साथ-साथ कांग्रेस के पक्ष में समीकरण बन जाएं।
बीजेपी ने भी सरकार को मात देने को बनाई योजना
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां लगातार मारवाड़ व जाेधपुर के दाैरे पर है। इसके अलावा जयपुर व कोटा के लिए खास रणनीति तैयार की गई है। निगम चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव काे टारगेट करते हुए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष व उनकी टीम ने इस दिशा में काम किया है।
बीजेपी ट्रेंड ताेड़ पाएगी या नहीं
जिस पार्टी की सरकार हाेती है, उसका पलड़ा भारी रहता है। ऐसे में अब देखना है कि बीजेपी ये ट्रेंड ताेड़ पाएगी या नहीं। उधर कांग्रेस पर भी अपनी सरकार की इज्जत बचाने की चुनाैती है।
कर्मचारी-अधिकारियाें काे दिसंबर तक करना हाेगा तबादला सूची का इंतजार
प्रदेश में तबादलों के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आचार संहिता लगने के चलते तबादले करना दिसंबर तक संभव नहीं दिख रहा है। दरअसल ग्राम पंचायतों की आचार संहिता 11 अक्टूबर तक रहेगी। इसके बाद जयपुर, जाेधपुर और काेटा नगर निगमों की आचार संहिता लगेगी। इस दाैरान पंचायत समिति और जिला परिषदों के चुनाव के दाैर चलेंगे। इस बीच ही 141 निकाय के दाैर भी शुरु हाे जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि तबादलाें का इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों काे और इंतजार करना पड़ सकता है।
एसएलपी खारिज हाेने से फर्क नहीं पड़ता
निकाय चुनावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी खारिज होने का कांग्रेस की तैयारियों पर फर्क नहीं आएगा। हम दोनों ही स्थितियों के लिए तैयार थे। कोरोना संकट को देखते हुए चुनाव स्थगित करवाना चाहते थे लेकिन अब चुनाव हो रहे हैं तो कांग्रेस इसके लिए भी पूरी तरह तैयार है। – गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस
बीजेपी की तैयारी भी पूरी है : पूनियां
जयपुर, जाेधपुर का माहाैल देख चुके है। प्रदेश में सभी जगहाें पर कांग्रेस सरकार के प्रति बेहद नाराजगी है। एेसे में चुनाव हाेते है ताे निश्चित ताैर पर परिणाम बीजेपी के पक्ष अाएंगे। बीजेपी चुनावाें काे लेकर तैयार है अाैर कांग्रेस काे हराने के लिए एकजुट हाेकर खड़ी है। – सतीश पूनियां, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष