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डीजीपी भूपेंद्र आज छोड़ेंगे पद, कार्यकाल से 8 माह पहले छोड़ेंगे कुर्सी, आरपीएससी चेयरमैन बनेंगे

राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. भूपेंद्र सिंह यादव बुधवार को अपना पद छोड़ेंगे। वे पहले ही 20 नवंबर से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) के लिए आवेदन दे चुके हैं। अब भूपेंद्र सिंह का राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) अध्यक्ष के रूप में नई जिम्मेदारी संभालना लगभग तय है।

मौजूदा आरपीएससी चेयरमैन दीपक उप्रेती का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो रहा है। वहीं, सबसे वरिष्ठ होने के नाते डीजीपी का कार्यभार एमएल लाठर को सौंपा जाएगा। बता दें कि डॉ. भूपेंद्र सिंह को गहलोत सरकार ने अगस्त 2019 में दो साल के लिए डीजीपी पद की जिम्मेदारी सौंपी थी।

इनका कार्यकाल 30 जून 2021 को पूरा होना था, लेकिन उन्होंने 20 नवंबर 2020 से ही वीआरएस के लिए आवेदन कर दिया। ऐसे में वे सात महीने पहले ही डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले थे। वहीं, एमएल लाठर मई 2021 में रिटायर होने वाले हैं। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक डीजीपी बनने के लिए सेवानिवृत्ति में कम से कम छह महीने का कार्यकाल बाकी होना चाहिए।

अचानक ये फैसला क्यों, राजनीति? क्योंकि उप्रेती की विदाई के बाद सबसे सीनियर और भाजपा के करीबी डाॅ. शिव काे चार्ज न सौंपना पड़े

अगर डाॅ. भूपेंद्र अपने वीआरएस से 37 दिन पहले ही डीजीपी पद न छोड़ते तो आरपीएससी चेयरमैन दीपक उप्रेती की विदाई के बाद आरपीएससी के वरिष्ठ सदस्य डॉ. शिव सिंह राठौड़ को अध्यक्ष का एडिशनल चार्ज सौंपा जाता। चूंकि शिव सिंह केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भाजपा के करीबी हैं।

ऐसे में उन्हें अतिरिक्त चार्ज न सौंपना पड़े, इसलिए अचानक यह फैसला लिया गया है। उप्रेती के विदा होने के बाद आयोग में भाजपाकाल में लगे तीन ही सदस्य रह जाएंगे, जबकि कांग्रेसकाल में अध्यक्ष के अलावा चार सदस्यों की भी नियुक्ति होगी। बता दें कि उप्रेती जुलाई 2018 से आयोग में कार्यरत थे

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