प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने स्टूडेंट्स के साथ बिना मास्क लगाए सेल्फी ली, कोरोना को काबू में करने का सियासी फायदा उठाना चाहती हैं जेसिंडा
न्यूजीलैंड में संसदीय चुनाव 17 अक्टूबर को होगा। चुनाव से पहले देश में कोरोना से जुड़ी सभी पाबंदियां हटा ली गई हैं। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन की न्यूजीलैंड लेबर पार्टी को चुनाव में जीत मिलने की उम्मीद है। मंगलवार को जेसिंडा की आखिरी चुनावी रैली हुई। करीब एक हजार यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स ने उनका शानदार स्वागत किया। इस रैली में जेसिंडा और उनके सभी समर्थक बिना मास्क के नजर आए। जेसिंडा स्टूडेंट्स के साथ सेल्फी के लिए पोज देतीं नजर आईं। दुनिया के किसी दूसरे देश में अगर कोई नेता समर्थकों के साथ बिना मास्क मिले, सेल्फी के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करे तो विवाद होगा। हालांकि, न्यूजीलैंड में ऐसा नहीं है। यहां पर संक्रमण कम होने के बाद सारी पाबंदियां हटा ली गई हैं। जेसिंडा इसे चुनाव में अपनी उपलब्धि के तौर पर गिना रही हैं।
ओपिनियन पोल्स में आगे चल रही जेसिंडा की पार्टी
देश में हुए ओपिनियन पोल्स में जेसिंडा विपक्षी पार्टियों से आगे नजर आ रही हैं। देश के 52 वें संसदीय चुनाव में जेसिंडा की लेबर पार्टी के अलावा चार और पार्टियां अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारेंगी। इनमें एक्ट पार्टी, ग्रीन पार्टी, नेशनल पार्टी और न्यूजीलैंड फर्स्ट पार्टी शामिल हैं। हालांकि, मुकाबला लेबर पार्टी और नेशनल पार्टी के बीच रहेगा। नेशनल पार्टी ने जेसिंडा से मुकाबले के लिए इसी साल जुलाई में जुडित कॉलिन्स को अपना लीडर चुना है। जुडित चार बार सांसद रह चुकी हैं। वे देश के पुलिस मिनिस्टर के तौर पर भी सेवाएं दे चुकी हैं।
डिबेट में जेसिंडा ने महामारी का मुद्दा उठाया था
जुडित के साथ 1 अक्टूबर को हुए डिबेट में जेसिंडा ने महामारी का मुद्दा उठाया था। उन्होंने जुडित से पूछा था- न्यूजीलैंड को सुरक्षित रहने और संक्रमितों की रिकवरी को ट्रैक पर लाने में कौन बेहतर है। वहीं, जुडित ने बच्चों में गरीबी दूर करने और किफायती हाउसिंग प्रोजेक्ट्स का वादा पूरा नहीं करने के लिए जेसिंडा को घेरने की कोशिश की थी। उन्होंने ऑकलैंड में दोबारा संक्रमण फैलने का मुद्दा भी उठाया। जुडित पहले के डिबेट्स में अच्छा परफॉर्म करती रही हैं। हालांकि, इस बार वे अपने कैंपेन के लिए उतनी मददगार साबित नहीं हुईं।
30.4 लाख वोटर्स मतदान करेंगे, अर्ली वोटिंग शुरू
देश में करीब 30.4 लाख लोग इस इलेक्शन में वोट करने के लिए रजिस्टर्ड हैं। अर्ली वोटिंग 3 अक्टूबर शुरू हो चुकी है। न्यूजीलैंड के इलेक्टोरल कमीशन के मुताबिक, 11 अक्टूबर तक 10 लाख से ज्यादा लोगों ने अर्ली वोटिंग की है। यह पिछले चुनाव में हुई अर्ली वोटिंग से ज्यादा है। 2017 में अर्ली वोटिंग शुरू होने के नौ दिन बाद 6.70 लाख लोगों ने ही वोट डाला था। अर्ली वोटिंग के लिए कमीशन की ओर से सावधानी बरती जा रही है। वोटर्स के लिए सेंटर्स पर सेंटेड हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है। वोटर्स के साइन के लिए 20 लाख डिस्पोजेबल पेन खरीदे गए हैं।
जेसिंडा ने महामारी रोकने में अच्छा काम किया है
जेसिंडा ने महामारी को रोकने में अच्छा किया है। 50 लाख की आबादी वाले इस देश में संक्रमण से सिर्फ 25 मौतें हुई हैं। जून में ही इसने कोरोना पर काबू पाने का पहली बार दावा किया। हालांकि, सितंबर में ऑकलैंड में नए मामले सामने आ गए। इसके बाद ऑकलैंड में दोबारा लॉकडाउन लगाया गया। इसी हफ्ते ऑकलैंड में भी सभी संक्रमित मरीज ठीक हो गए। इसके बाद देश में को दोबारा कोरोना फ्री घोषित किया गया है। डब्ल्यूएचओ समेत कई ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ने महामारी रोकने के लिए न्यूजीलैंड के कामों की तारीफ की है।