राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह पहला राजस्व दिवस आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की बैठक
शिक्षा विभाग की ओर से गुरुवार को वर्चुअल तरीके से राज्यस्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शिक्षक एक बेहतर समाज के निर्माता हैं। शिक्षक अपने मार्गदर्शन के माध्यम से बच्चों में जीवन मूल्यों के साथ ही उनमें धर्म निरपेक्षता, एकता, अखण्डता, सामाजिक सद्भाव जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों का विकास करते हैं, ताकि हमारी भावी पीढ़ी एक श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण कर सके।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने कोविड-19 महामारी के दौर में कोरोना वॉरियर्स के रूप में समर्पित भाव से सेवाएं दी हैं। राज्य सरकार उनके मान-सम्मान में कोई कमी नहीं रखेगी। कार्यक्रम में गहलोत ने कोरोना के दौर में भी बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा से जोड़े रखने के लिए ई-कक्षा कार्यक्रम की शुरुआत की एवं नो-बैग डे के ब्रोशर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान 849 शिक्षकों को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए वर्चुअल रूप से सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह शासन के माध्यम से गुड गवर्नेंस देना चाहती है। इसमें शिक्षकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के महत्व को समझते हुए प्रदेश में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों की स्थापना की है। हमारा प्रयास है कि गांव-ढाणी तक बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा मिल सके और वे निजी स्कूलों के विद्यार्थियों से पीछे नहीं रहें।
नो बैग डे शुरू करने वाला पहला राज्य: डोटासरा
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बच्चों के अध्ययन में कोई बाधा न आए, इसके लिए राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों से ई-कंटेट तैयार करवाया है। राजस्थान पहला राज्य है, जिसने ई-कक्षा प्रोजेक्ट्स के माध्यम से ऐसी अनूठी पहल की है। हर शनिवार को नो बैग डे शुरू करने वाला भी राजस्थान देश का पहला राज्य है। सरकार ने 1100 शिक्षकों का हर वर्ष सम्मान करने का निर्णय लिया है।
रोडवेज में पुरस्कृत शिक्षक को 100% छूट: गर्ग
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षकों के मान-सम्मान को बढ़ाने में कोई कमी नहीं रखी है। उन्होंने कहा कि पुरस्कृत शिक्षकों को रोडवेज किराए में शत-प्रतिशत छूट देने, राजस्थान आवासन मंडल से आवास उपलब्ध करवाने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय किए हैं।
हमारा प्रयास राजस्थान बने सुशासन का मॉडल: सीएम
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कोविड-19 महामारी की विषम परिस्थितियों में भी प्रदेश के सामाजिक और आर्थिक विकास को बनाए रखना चुनौती है। विशेषज्ञों की राय के आधार पर आर्थिक सुधार और संसाधनों का समुचित उपयोग कर राजस्थान को सुशासन के एक मॉडल के रूप में स्थापित किया जाए। मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद का गठन इस दिशा में अहम कदम है। गहलोत गुरुवार को सीएम निवास पर वीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री आर्थिक सुधार सलाहकार परिषद की पहली बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में आर्थिक मंदी, नोटबंदी, जीएसटी संग्रहण में कमी तथा कोरोना महामारी से उपजे आर्थिक संकट ने हमें अवसर दिया है कि सतत विकास के लिए हम आर्थिक सुधार करने के साथ ही गवर्नेंस के मॉडल में भी बदलाव लाएं। बीते कुछ समय में राजस्थान पहले जैसा बीमारू प्रदेश नहीं रहा है। प्रदेश में लगातार आधारभूत ढांचा मजबूत हुआ है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, ऊर्जा, उद्योग आदि क्षेत्रों में राजस्थान तेजी से आगे बढ़ा है।
अपना खाता, ई-गिरदावरी, कृषि ऋण रहन पोर्टल और ई-रजिस्ट्रेशन अब ऑनलाइन
प्रदेश में राजस्व विभाग की सेवा अपना खाता, ई-गिरदावरी, कृषि ऋण रहन पोर्टल, ई-रजिस्ट्रेशन का गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ई-लोकार्पण किया। इन सेवाओं के ऑनलाइन होने से लोगों को पटवारी व तहसीलों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने सीएमआर से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश के पहले राजस्व दिवस समारोह को संबोधित किया। भू-नामान्तरण, गिरदावरी रिपोर्ट, पंजीयन सहित अन्य काम भी अब ऑनलाइन हो सकेंगे। रेवन्यू बोर्ड की पत्रिका ‘राविरा’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की सोच को आगे बढ़ाते हुए 15 अक्टूबर 1955 को राजस्थान काश्तकारी अधिनियम-1955 लागू कर खेतीहर किसानों को भू-स्वामी घोषित करने के ऐतिहासिक दिन को प्रथम राजस्व दिवस के रूप में मनाया।
अब हर वर्ष इस मौके पर राजस्व विभाग उपलब्धियों और चुनौतियों का आंकलन करेगा। भविष्य की गतिविधियों की रूपरेखा तैयार कर काम करेगा। इंटरनेट और सूचना तकनीक के दौर में विभाग की सेवाओं का कम्प्यूटरीकरण होने से पटवारी तथा गिरदावर अब राजस्व और खेती से जुडे़ छोटे-छोटे कार्य समय पर पूरा कर सकेंगे।
अधिकारियों पर काम का बोझ भी कम होगा। जिन सेवाओं का पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कम्प्यूटरीकरण किया गया है, उनको जल्दी ही ऑनलाइन किया जाए। राजस्व विभाग से जुड़े कानूनों को सरलीकरण किया जाएगा। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि रिकॉर्ड की कम्प्यूटर प्रति को ही सत्य-प्रति मानने तथा ई-हस्ताक्षर को कानूनी वैधता मिलने से किसानों को फायदा मिलेगा।
राजस्व विभाग की सेवाओं के ऑनलाइन होने से अधिकारियों के काम में दक्षता और सटीकता आई है। समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने बाड़मेर, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, उदयपुर, भरतपुर में संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, एसडीएम, भू-अभिलेख निरीक्षक, पटवारी स्तर तक के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ संवाद भी किया।