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कांग्रेस में विधायकों की चली ताे भाजपा में संगठन का रहा दबदबा, अब दोनों ही पार्टियों में बागी समीकरण बनाने और बिगाड़ने का करेंगे खेल

निकाय चुनावों को लेकर सोमवार को कांग्रेस व भाजपा दोनों के प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल कर दिए। भाजपा में टिकट बंटवारे में संगठन पदाधिकारियों का प्रभाव नजर आया और विधायक साइडलाइन रहे, वहीं कांग्रेस में विधायकों का दबदबा नजर आया। कुछ जगहों पर विधायक प्रत्याशियों का भी खासा प्रभाव रहा। हालांकि कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर भारी नाराजगी भी देखने को मिली। यही वजह रही कि नामांकन भरे जाने तक सिविल लाइंस छोड़ अन्य किसी विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची तक जारी नहीं की गई।

कांग्रेस में आखिरी वक्त तक नूराकुश्ती : पहली बार बिना सूची जारी हुए ही पार्टी प्रत्याशियों ने किया नामांकन

कांग्रेस बगावत का डर साफ दिखा। ऐसा पहली बार हुआ जब कांग्रेस ने नामांकन के लिए प्रत्याशियों की सूची ही जारी नहीं की। इससे पहले 1994 में नगर निगम के चुनाव में कांग्रेस ने बिना सिंबल के ही अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। नामांकन दाखिल होने के बाद देर शाम कांग्रेस ने प्रत्याशियों की सूची जारी की। इसकी बड़ी वजह विधायकों व कार्यकर्ताओं की नाराजगी रही।

पहले विधायक इस बात को लेकर अड़ गए कि सिंबल बांटने का अधिकार उन्हें मिले जबकि प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा चाह रहे थे कि विधायक अपने प्रत्याशियों की सूची सौंप दिए और पार्टी उन्हें सिंबल बांट दे। लेकिन कई विधायक ने विरोध जताते हुए कमेटी को अपने प्रत्याशियों की सूची ही नहीं सौंपी। आखिर में सिंबल विधायकों को दिए गए।

इनमें से कुछ को रविवार देर रात तो कुछ को सोमवार सुबह सिंबल दे दिए गए। यही वजह यही की कांग्रेस नामांकन से पहले अपने प्रत्याशियों की सूची भी जारी नहीं कर पाई। सिविल लाइंस विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास ने सोमवार दोपहर को अपने क्षेत्र के वार्ड के प्रत्याशियों की सूची जारी की।

हवामहल में नामांकन से आधा घंटा पहले बंटा सिंबल
टिकट दावेदारी को लेकर कांग्रेस में कितना जबरदस्त घमासान मचा इसका अंदाजा इसी बात यह लगाया जा सकता है कि हवामहल के वार्ड 8 में प्रत्याशी के नाम पर फैसला बिल्कुल अंतिम समय पर किया गया। दोपहर ढाई बजे इस सीट के प्रत्याशी का ऐलान हुआ और तीन बजे नामांकन का समय खत्म हो गया। कांग्रेस के पूर्व मनोनीत पार्षद दीपक डंडोरिया इस सीट पर अपने भाई के लिए टिकट का दावा कर रहे थे। पहले उन्हें नामांकन के लिए फोन कर दिया गया लेकिन एन वक्त पर फिर मना कर दिया गया।

विधायकों की पूरी चली, कुछ विधायक प्रत्याशियों की भी सुनी
निकाय चुनावों में प्रत्याशी चयन को लेकर विधायकों की सूची में कोई बदलाव नहीं किए गए। लेकिन विधायक प्रत्याशियों वाली विधानसभाओं में मालवीयनगर को छोड़ बाकी जगह टिकट बंटवार में कई बांटेदार दिखे। मालवीय नगर के 26 वार्डों में अर्चना शर्मा की सिफारिश वाले करीब 22 नामों को सिंबल मिला। सांगानेर में पुष्पेंद्र भारद्वाज, पंडित सुरेश मिश्रा व संजय बाफना के बीच टिकटों का बंटवारा हुआ। विद्याधरनगर में सीताराम अग्रवाल के अलावा, प्रताप सिंह खाचरियावास के खास लोगों को भी टिकट बांटे गए।

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