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29 खिलाड़ियों की राजकीय सेवा में होगी आउट ऑफ टर्न नियुक्ति खिलाड़ियों का दैनिक भत्ता भी होगा दोगुना

प्रदेश में खेल पदक विजेता 29 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न आधार पर राजकीय सेवा में नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को अब दोगुना दैनिक भत्ता मिलेगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की है। 11 खिलाड़ियाें को राजस्थान पुलिस सेवा, राजस्थान आबकारी सेवा, राजस्थान वन सेवा, राजस्थान शिक्षा विभाग एवं तकनीकी अभियांत्रिकी सेवा में नियुक्ति दी जाएगी।

इनमें से 6 खिलाड़ियों को उप अधीक्षक पुलिस एवं 5 खिलाड़ियों को सहायक वन संरक्षक के पद पर नियुक्ति दी जाएगी। वहीं 11 खिलाड़ियों पुलिस उप निरीक्षक, एक खिलाड़ी को आबकारी रक्षक, पांच खिलाड़ियों को क्षेत्रीय वन अधिकारी तथा एक खिलाड़ी को शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक-द्वितीय के पद पर नियुक्ति दी जाएगी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खिलाड़ियों को वर्तमान में मिलने वाले दैनिक भत्ते को भी दोगुना करने का महत्वपूर्ण निर्णय किया है। अब राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को प्रतिदिन 500 रुपए के स्थान पर 1000 रुपए तथा राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को 300 रुपए के स्थान पर 600 रुपए मिलेंगे। गहलोत के इन महत्वपूर्ण निर्णयों से प्रदेश में खेलों का वातावरण तैयार होगा और खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

स्कूल खुलने पर 10वीं व 12वीं के 25 लाख विद्यार्थियों को जाना होगा स्कूल

राज्य सरकार की ओर से 2 नवंबर से 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने पर मंथन जारी है। लगातार तीसरे दिन रविवार को भी स्कूल खोलने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ। इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को मुख्यमंत्री स्तर पर स्कूल खोलने के मामले में गहन मंथन हुआ।

इस दौरान शिक्षा विभाग ने स्कूल खोले जाने को पूरी स्थित सीएम के सामने रखी। अब अंतिम निर्णय सीएम स्तर पर होना है। स्कूल खोलने जाने की स्थिति में सरकारी और निजी स्कूलों के राजस्थान बोर्ड के 10वीं व 12वीं के 2477947 विद्यार्थियों को स्कूल जाना होगा।

सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी जोड़े जाए तो यह संख्या इससे भी अधिक हो जाएगी। शिक्षा विभाग चाहता है कि बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों की 150 कार्यदिवसों से अधिक की पढ़ाई कराई जाए, ताकि जीरो सेशन की नौबत नहीं आए। इसके आधार पर ही पूरी प्लानिंग तैयार की गई है। शिक्षा विभाग की ओर से बनाए गए प्रस्ताव में कहा गया था कि स्कूलों को तीन चरणों में खोला जाए।

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