Fri. Nov 1st, 2024

टाटा संस और मिस्त्री विवाद:सुप्रीम कोर्ट ने कहा – मामले पर सुनवाई 8 दिसंबर को होगी, टाटा संस में SP ग्रुप की हिस्सेदारी 18% से अधिक

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपिलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के फैसले के खिलाफ टाटा संस और साइरस इंवेस्टमेंट की याचिकाओं पर 8 दिसंबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले NCLAT ने अपने आदेश में साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने को कहा था।

8 दिसंबर को होगी सुनवाई

चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि हम इस केस को मंगलवार को एकमात्र मामले के रूप में सुनेंगे। इसके अलावा इन मामलों को आठ दिसंबर को सुनवाई के लिये लिस्ट करने को कहा। इस बेंच में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस आर रामासुब्रमण्यम भी शामिल रहे।

 

क्या है SP ग्रुप की याचिका?

कोर्ट ने 22 सितंबर को शापुरजी पालनजी ग्रुप और साइरस मिस्त्री की निवेश कंपनी के ऊपर टाटा संस प्रा. लि. की हिस्सेदारी ट्रांसफर करने या गिरवी रखने पर रोक लगा दी थी। बता दें कि, टाटा संस में शापूरजी पालोनजी ग्रुप की 18.37% हिस्सेदारी है। ग्रुप ने अपनी याचिका में कहा है कि उसकी अपनी हिस्सेदारी को गिरवी रख पूंजी जुटाने की योजना थी। टाटा संस ने इसे रोकने के लिये सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। यह माइनॉरिटी शेयर होल्डर्स के अधिकारों को दबाना है।

टाटा संस की मांग

दूसरी ओर, टाटा संस ने मिस्त्री ग्रुप को अपनी हिस्सेदारी के बदले पूंजी जुटाने से रोकने की मांग करते हुए पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में अपील किया था। टाटा संस ने शापुरजी पालनजी ग्रुप के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर शेयरों को गिरवी रखने से रोकने की भी मांग की है। देश का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट घराना टाटा संस में शापुरजी पालनजी की हिस्सेदारी एक लाख करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई है।

क्या है मामला?

टाटा संस ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह दो ग्रुप वाली कंपनी नहीं है। उसके और साइरस इंवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच कोई अर्ध- साझेदारी नहीं है। इस पर शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी को टाटा ग्रुप को पिछले साल 18 दिसंबर के नेशनल कंपनी लॉ अपिलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के आदेश पर रोक लगाकर राहत दी थी। मिस्त्री ने 2012 में टाटा संस के चेयरमैन के रूप में रतन टाटा का स्थान लिया था, लेकिन चार साल बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *