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मैक्रों से नाराजगी:तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन बोले- मैक्रों फ्रांस के लिए मुसीबत, उम्मीद है वो जल्द हट जाएंगे

तुर्की और फ्रांस के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ रही है। तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तैयब एर्दोगन के मुताबिक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अपने देश के लिए मुसीबत हैं। एर्दोगन ने कहा- मुझे उम्मीद है कि फ्रांस को जल्द ही मैक्रों से छुटकारा मिल जाएगा। एर्दोगन फ्रांस सरकार के मुसलमानों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से नाराज हैं। शुक्रवार को ही फ्रांस सरकार ने देश की मस्जिदों में सघन तलाशी और जांच अभियान शुरू किया है।

फ्रांस सरकार ने यह कार्रवाई अक्टूबर और नवंबर में हुए दो आतंकी हमलों में 6 लोगों के मारे जाने के बाद की है। पहली घटना पेरिस और दूसरी नीस शहर में हुई थी।

फ्रांस में खतरनाक हालात
एर्दोगन ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत की। इस दौरान कहा- मेरे हिसाब से मैक्रों फ्रांस के लिए परेशानी और बोझ बन गए हैं। उनकी लीडरशिप की वजह से फ्रांस में हालात खतरनाक हो गए हैं। मैं यही उम्मीद करता हूं कि फ्रांस को जल्द ही उनसे छुटकारा मिलेगा। फ्रांस की जनता को भी यही कोशिश करनी चाहिए कि वो जल्द से जल्द इस राष्ट्रपति से निजात पाए।
हाल ही में आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच जंग हुई थी। इस जंग में फ्रांस ने आर्मेनिया का साथ दिया था। तुर्की इसे बड़ी गलती बताता है। तुर्की ने युद्ध में खुलकर अजरबैजान का साथ दिया था।

मैक्रों ने नहीं दिया जवाब
एर्दोगन के कमेंट्स पर जब मैक्रों से रिएक्शन मांगा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। मैक्रों ने कहा- हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। मैं टकराव को बढ़ावा देने के हक में नहीं हूं। हालांकि, एक दिन पहले ही मैक्रों ने कहा था- एर्दोगन अपने ही देश के लोगों की आजादी छीन रहे हैं।

दोनों देशों की बीच तनाव
तुर्की सरकार का आरोप है कि फ्रांस इस्लामोफोबिया को बढ़ावा दे रहा है और वहां मुस्लिमों पर सख्ती की जा रही है। तुर्की सरकार ने इसके कई सबूत भी दिए। फ्रांस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। फ्रांस सरकार ने कहा कि वो आजादी की सीमा होती है और वो कट्टरता और अलगाववाद के खिलाफ कार्रवाई जारी रखेगा। फ्रांस सरकार ने कहा था- तुर्की सरकार फ्रांस के खिलाफ प्रोपेगंडा बंद करे। इसके बाद फ्रांस ने तुर्की से अपना एम्बेसेडर भी वापस बुला लिया था। फ्रांस ने कहा था- एर्दोगन बहुत खतरनाक रास्ता चुन रहे हैं। तुर्की को इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं।

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