आज चुने जाएंगे 21 जिलों के प्रमुख और प्रधान, भाजपा का परिषद और पंचायत समिति दोनों में दबदबा
राजस्थान के 21 जिलों में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के नतीजों के बाद गुरुवार को जिला प्रमुख और प्रधान चुने जाएंगे। दोनों में ही भाजपा का दबदबा है। 21 जिलों में जिला परिषद की 636 सीटों में से भाजपा को 353 और कांग्रेस को 252 सीटें मिलीं हैं। पंचायत समिति में भाजपा ने 1989 व कांग्रेस ने 1852 सीटें जीती हैं। वहीं, झालावाड़ जिला परिषद के क्षेत्र संख्या 2 के बूथ नंबर 62 में फिर से वोटिंग की जाएगी।
जिला परिषद के प्रमुख और पंचायत समिति के प्रधान के चुनाव के लिए दिन में 3 से 5 बजे तक मतदान होगा। इसके बाद परिणाम आएंगे।
चुनाव में हार के बाद बोले गहलोत- सरकार योजनाओं का प्रचार नहीं कर पाई
जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों में कांग्रेस की हार के एक दिन बाद सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि चुनावी नतीजे उनकी आशा के अनुकूल नहीं रहे। सरकार कोरोना के चलते अपनी योजनाओं और कामों का अच्छे से प्रचार नहीं कर पाई। जबकि भाजपा ने गांवों में मतदाताओं को भ्रमित किया। पिछले 9 माह में सरकार कोरोना की रोकथाम के लिए मेहनत कर रही है। आने वाले समय में हम नए सिरे से फीडबैक लेकर जनता तक अपने सुशासन को पहुंचाएंगे।
क्या रही स्थिति:
जिला परिषद सदस्यों के नतीजे
पार्टी | जीते |
कांग्रेस | 252 |
भाजपा | 353 |
CPIM | 2 |
RLP | 10 |
निर्दलीय | 18 |
पंचायत समिति सदस्यों के नतीजे
पार्टी | जीते |
कांग्रेस | 1852 |
भाजपा | 1989 |
BSP | 5 |
CPIM | 26 |
RLP | 60 |
निर्दलीय | 439 |
कांग्रेस की हार की 3 बड़ी वजह
1. संगठन की गैर माैजूदगी : न तो प्रदेश और न ही जिला स्तर पर कांग्रेस का संगठन नजर आया।
2. विधायकों के भराेसे रहे : विधायकों को सिंबल दे दिए गए। पिछले दिनों जयपुर, कोटा और जोधपुर नगर निगम चुनावों में भी इसका खामियाजा उठाना पड़ा था।
3. टिकट बंटवारे में परिवारवाद के आरोप : विधायकों ने ज्यादातर टिकट रिश्तेदारों को बांटे, इससे नाराजगी बढ़ी। टिकट बेचने के आरोप भी लगे।
इस हार के 3 बड़े सियासी मायने
1. अगले साल उपचुनाव : अगले साल विधानसभा उपचुनाव होने हैं, ऐसे में पंचायत चुनावों की हार मनोबल गिरा सकती है।
2. पार्टी में असंतोष: हार का ठीकरा फोड़ने को लेकर पार्टी में असंतोष का खतरा बढ़ गया है।
3. राजनीतिक नियुक्तियों पर असर : आने वाले दिनों में पार्टी में संगठन और राजनीतिक नियुक्तियां होनी हैं, ऐसे में जिन मंत्रियों और विधायकों के क्षेत्र में कांग्रेस हारी है, उन्हें इसका खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
इन 21 जिलों में हुए चुनाव
अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चित्तौडगढ, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर।
4 फेज में हुई थी वोटिंग
पहला फेज : 23 नवंबर, दूसरा : 29 नवंबर, तीसरा: 1 दिसंबर, चौथा: 5 दिसंबर