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स्विगी ने “नई सामान्य परिस्थिति” में 36000 से ज़्यादा स्ट्रीट फूड वेंडर्स को ऑनलाइन लाने के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर निधि के साथ किया करार

नई दिल्‍ली, 10 दिसंबर, 2020: देश के सबसे बड़े फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने आज अपने स्ट्रीट फूड वेंडर्स प्रोग्राम का विस्तार कर उसे 125 शहरों तक पहुंचाने की घोषणा की। इसके लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) स्कीम की मदद ली जाएगी। इससे पहले स्विगी ने पिछले महीने ही अहमदाबाद, वाराणसी, चेन्नई, दिल्ली और इंदौर में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ पायलट के तौर पर इस प्रयास की शुरुआत की जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। इस प्रयास के अंतर्गत स्विगी ने अपने प्लेटफॉर्म पर लगभग 300 स्ट्रीट वेंडर्स को जोड़ा है।

ग्राहक ऐसे स्ट्रीट वेंडर्स को पहचान सकें, इसके लिए स्विगी ने ऐप्लिकेशन पर खास जगह बनाई जहां लोग अपने पसंदीदा स्ट्रीट फूड वेंडर्स को खोज सकते हैं। सभी वेंडर्स एफ़एसएसएआई के पंजीकृत होंगे और एफ़एसएसएआई और उसके साथ जुड़े साझेदारों की मदद से प्लेटफॉर्म से जुड़ते समय फूड सेफ्टी ट्रेनिंग एंड सर्टिफिकेशन (एफ़ओएसटीएसी) दिया जाएगा।

स्‍वनिधि योजना के तहत् अब तक 1.47 लाख स्‍ट्रीट वैंडर्स से लोन के लिए आवेदन मिले हैं। इसके साथ ही, पहले चरण में 36,000 से ज़्यादा स्ट्रीट फूड वेंडर्स जोड़े जाएंगे जिन्‍हें 125 शहरों में लोन वितरित किया गया है। स्विगी और आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से शुरू किया गया यह प्रयास न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा प्रयास बन सकता है।

स्ट्रीट फूड में समायी है हमारी संस्कृति की सुगंध 

स्विगी का लक्ष्य हर तरह के खाने को ग्राहकों के दरवाज़े तक पहुंचाने का है। इसमें स्ट्रीट फूड भी शामिल है जो भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक ढांचे का अटूट हिस्सा है और हर क्षेत्र में यह अलग तरह की खूबियों से भरपूर होता है। स्विगी इस महामारी के दौर में स्ट्रीट फूड बेचने वालों के सामने आए बदलावों और चुनौतियों को भी बखूबी समझती है जिसकी वजह से ज़्यादातर लोगों को अपनी दुकानें रातोरात बंद करनी पड़ी। अपने कारोबार को फिर से खड़ा करने और लोगों तक पहुंचने में स्ट्रीट फूड वेंडर्स की मदद करने के लिए स्विगी अपने प्लेटफॉर्म और डिलिवरी फ्लीट का सहारा दे रही है, ताकि उनका खाना ग्राहकों के दरवाज़े तक सुरक्षित और साफ-सुथरे तरीके से पहुंच सके।

विवेक सुंदर, सीओओ, स्विगी ने कहा, भले ही हम अनलॉक के अंतिम दौर से होकर गुज़र रहे हैं लेकिन सामाजिक दूरी और फूड डिलिवरी जैसी ऑनलाइन सेवाओं की बढ़ती मांग के बीच ग्राहकों के व्यवहार में काफी बदलाव आए है। एक प्लेटफॉर्म के तौर पर हम ग्राहकों तक सुरक्षित और साफ-सफाई के साथ हर तरह का खाना पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हमें खुशी है कि अब हम लोगों के पसंदीदा स्ट्रीट फूड को भी उन तक पहुंचा पाएंगे जो पिछले कई महीनों से उनसे दूर था।

उन्होंने कहा, सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ये स्ट्रीट वेंडर भारत में खानपान की संस्कृति का अटूट हिस्सा हैं और हम आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने स्विगी को यह अवसर दिया कि वह न सिर्फ इन स्ट्रीट वेंडर्स को इस नई सामान्य परिस्थिति के हिसाब से ढलने में मदद कर सके बल्कि उन्हें डिजिटल अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनने का मौका भी मिल सके।

 

ऑनलाइन ऑर्डरिंग की दुनिया में सुरक्षित खानपान की प्रक्रियाओं को बढ़ावा

स्विगी ने प्लेटफॉर्म पर अनोखे, लोकप्रिय और सुरक्षित ढंग से काम करने वाले स्ट्रीट वेंडर्स की जानकारी हासिल करने के लिए खास टीम बनाई है। प्रक्रिया के तौर पर पीएम स्वनिधि स्कीम के सभी स्ट्रीट फूड वेंडर्स को प्लेटफॉर्म से जुड़ने से पहले तीन चरण के ट्रेनिंग प्रोग्राम से होकर गुजरना होगा। ट्रेनिंग और रजिस्ट्रेशन के बाद सभी वेंडर्स को सेल्फ-ऑडिट करना होगा और उन मानकों का प्रदर्शन करना होगा जिनका वे पालन करते हैं। इन मानकों को एफ़एसएसएआई के दिशा-निर्देशों में बताया गया है, ताकि साफ-सफाई की ज़रूरी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए।

स्विगी ने यह भी समझा कि वेंडर्स के पास डिजिटल कुशलताएं भी हों ताकि वे पार्टनर ऐप, मेन्यू डिजिटाइजेशन और कीमतें जैसे काम कर सकें। इसके लिए स्विगी ने वर्चुअल वन-ऑन-वन ट्रेनिंग की और उन्हें प्लेटफॉर्म पर ऑर्डर स्वीकार करने, तैयार करने और ऑर्डर पूरा करने की प्रकिया के बारे में जानकारी दी गई।

अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी के ग्राहक अपना स्विगी ऐप्लिकेशन अपडेट कर रेस्टोरेंट कैटगरी में स्ट्री वेंडर आसानी से देख सकते हैं। ऐप्लिकेशन के होमपेज पर भी बैनर है जहां से यूज़र सीधे स्ट्रीट वेंडर के लिस्ट तक पहुंच सकते हैं।

पहली बार टेक्नोलॉजी की ताकत पाने के बारे में स्ट्रीट वेंडर्स को क्या कहना है:

सिद्धांत टेटेड, द सलाद किचन, दिल्ली

जब से घर से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाए गए तभी से हमारे स्टॉल पर लोगों ने आना बंद कर दिया जहां आमतौर पर लोगों की भीड़ लगी रहती थी। यहां तक कि मेरे नियमित ग्राहक भी परिस्थिति को देखते हुए बाहर निकलने से हिचकिचा रहे थे। पिछले 6-7 महीनों के दौरान मुझ पर बहुत अधिक दबाव था। मैं और मेरा पार्टनर कारोबार बंद करने का फैसला कर ही चुके थे। उसी दौरान हमने स्विगी के प्लेटफॉर्म से जुड़ने के बारे में सुना। स्विगी से जुड़ने के 20 दिनों में ही हमने पिछले चार महीनों के मुकाबले ज़्यादा ऑर्डर पूरे कर लिए हैं। जब से हम स्विगी पर आए हैं तब से ज़्यादा लोग ऑर्डर कर रहे हैं और इनमें हमारे पुराने ग्राहक भी हैं जिन्होंने हमें स्विगी पर देखा। अब हमारे पास करने के लिए तीन गुना काम है।

राजेश गुप्ता, श्री राम चाट भंडार, वाराणसी 

मैं पिछले छह साल से अपना चाट भंडार चला रहा हूं और सुंदरपुर के आसपास के इलाकों में हमें काफी पसंद किया जाता है। कोविड के प्रतिबंध लगने के बाद से हमारे नियमित ग्राहकों समेत लोगों ने आना बिल्कुल बंद कर दिया। मैं सरकार की इस नई योजना और स्विगी के इस प्रयास का आभारी हूं जो मेरे जैसे वेंडर्स को पहली बार ग्राहकों तक पहुंचने के लिए मोबाइल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में मदद कर रहे हैं। मैं पिछले कुछ दिनों से स्विगी पर हूं और इससे मुझे ऐसे ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिली है जो मेरे स्टॉल तक नहीं आ सकते। यह स्कीम सही मायने में वरदान ही है।

विजय, श्री जय पोटैटो स्पाइरल, इंदौर

हम पिछले तीन साल से अपना स्टॉल चला रहे हैं और इस महामारी के पहले सब कुछ अच्छा चल रहा था। हमारी खासियतों में स्पाइरल पोटैटो और वड़ा पाव शामिल थे जिसे वयस्क और बच्चे काफी पसंद करते थे। हालांकि, प्रतिबंध हटने के बाद भी हमारे कारोबार ने रफ्तार नहीं पकड़ी और ग्राहक नहीं आ रहे थे। तब हमने महसूस किया कि आज के समय में हर चीज़ ऑनलाइन हो रही है, तो क्यों न ज़्यादा से ज़्यादा ग्राहकों तक पहुंचने के लिए स्विगी पर लिस्ट हुआ जाए। स्विगी पर लिस्ट होने के बाद हमारा कारोबार पहले के स्तर पर पहुंचने लगा और फिलहाल हमारा कारोबार सात महीने पहले के मुकाबले दोगुना हो चुका है। अगर हम कारोबार को बढ़ाना और ग्राहकों तक सेवाएं पहुंचाना चाहते हैं, तो यह ज़रूरी है कि हम समय के साथ चलें और वह भी तब जब हमें पता ही नहीं है कि चीज़ें सामान्य होने में कितना समय लगने वाला है।

ग्राहकों की बात

प्रिया प्रकाश, चेन्नई

हम यह जानकर बेहद उत्साहित हैं कि गेशिबा फूड्स अब स्विगी पर उपलब्ध है। ऐसे समय में जब हम बाहर नहीं जा सकते, यह जानना मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत खुशी की बात थी कि हमारा पसंदीदा साउथ इंडियन ज्वॉइंट ऑनलाइन उपलब्ध है। हमें हमेशा उनका खाना पसंद आया है लेकिन जब हमें अपना ऑनलाइन पार्सल मिला तो हमें अच्छी क्वालिटी की पैकेजिंग देखकर और भी खुशी हुई। हम अक्सर ही गेशिबा फूड्स जाया करते थे और इसका स्वाद बिल्कुल घर पर बने खाने जैसा होता है। पिछले कुछ दिनों में ही हम 3-4 बार ऑर्डर कर चुके हैं। हमें बहुत खुशी है कि हमारे पोरुर इलाके से दूर रहने वाले लोगों को भी अब सबसे अच्छी इडली खाने को मिलेगी और यह सिर्फ हमारे इलाके तक सीमित नहीं रहा।

जय, अहमदाबाद

मैं विवेक चाइनीज़ फूड ज्वॉइंट और जुगाड़ी अड्डा के अपने पसंदीदा स्ट्रीट स्टाइल चाइनीज़ के लिए इंतज़ार नहीं कर पा रहा था जिससे पिछले नौ महीनों से मैं दूर था। मैं इसी इलाके बड़ा हुआ हूं और अक्सर उनकी खासियत पनीर फ्राइड राइस खाने के लिए स्टॉल पर जाया करता था जिसे वे अलग-अलग तरह के सॉस के उचित मिश्रण के साथ बनाते हैं जैसा कि मुझे पसंद है। स्विगी न सिर्फ हमारे जैसे ग्राहकों के लिए बल्कि उन स्ट्रीट वेंडर्स के लिए भी वरदान है जिनके पास अब ज़्यादा लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचाने का मौका है।

वाराणसी के स्ट्रीट फूड वेंडर्स के साथ माननीय प्रधानमंत्री का संवाद यहां देखें

हालांकि स्विगी ऐप पर हम हमारे स्थानीय खानपान के हज़ारों हीरो को ला रहे हैं, उनमें से कुछ की कहानियां यहां पढ़ें

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