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संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है… क्या बंगाल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के मूड में हैं राज्यपाल?

कोलकाता । पश्चिम बंगाल की राजनीति पर संकट के बादल और गहराते जा रहे हैं। गुरुवार को कोलकाता के डायमंड हार्बर में बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद शुक्रवार को राज्‍यपाल ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की। इसमें गवर्नर जगदीप धनखड़ ने राज्‍य की सीएम ममता बनर्जी से अपील करते हुए कहा, ‘आप अगर संवैधानिक राह से भटकती हैं तो मेरे दायित्‍व की शुरुआत होती है। गुजारिश करता हूं कि आप संविधान के खिलाफ काम नहीं करेंगी।’ इस बीच केंद्र ने 14 दिसंबर को राज्‍य के डीजीपी और मुख्‍य सचिव को तलब किया है। राज्‍यपाल घटना पर अपनी रिपोर्ट भी भेज चुके हैं। ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्‍या राज्‍यपाल राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश करने वाले हैं?

प्रेस से बात करते हुए राज्‍यपाल ने कहा, भारत के संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। राज्य में कानून और व्यवस्था की हालत बहुत खराब है। बंगाल में संविधान की मर्यादाएं टूट रही हैं। डायमंड हार्बर में नड्डा के काफिल पर हमला हमला है। ममता को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। ममता को संविधान का पालन करना होगा।

‘जो हुआ दुर्भाग्‍यपूर्ण, प्रजातंत्र पर धब्‍बा’
जो कल हुआ वह बहुत दुर्भाग्‍यपूर्ण हैं हमारे प्रजातांत्रिक मूल्‍यों पर धब्‍बा हैं। सबको अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन कल ऐसा नहीं हुआ। सिलीगुड़ी में भी ऐसा हुआ। प्रदर्शनकारियों को डराया धमकाया गया। यह सब ऐसे दिन हुआ जब कल मानवाधिकर दिवस था।

‘सरकारी मुलाजिम पार्टी मेंबर की तरह काम कर रहे’
सरकारी मुलाजिम राजनीतिक दलों के सदस्‍यों की तरह काम कर रहे हैं। ऐसे 21 लोगों की लिस्‍ट है मेरे पास है। मैं सीएम ममता बनर्जी के साथ यह ब्‍योरा साझा करूंगा। मैं पहले भी इससे जुड़ी बातें साझा करता रहा हूं।’

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