17 साल बाद लौटी पहली पत्नी तो अफसर ने छोड़ दिया दूसरी को, भरण पोषण से किया मना
ग्वालियर। करीब नौ माह बाद कुटुंब न्यायालय में शुरू हुई सुनवाई में राेजाना नए-नए रोचक मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर का है। ग्वालियर में पदस्थ इस अफसर की तलाकशुदा पत्नी 17 साल के बाद लौट आई। सरकारी नौकरी के कारण उसे दूसरे शहर में जाना पड़ा था, इसलिए दोनों के बीच तलाक हो गया। रोचक बात यह है कि पहली पत्नी के आ जाने के बाद अफसर ने अपनी दूसरी पत्नी को छोड़ दिया। दूसरी पत्नी ने जब भरण पोषण के लिए राशि मांगी तो पति ने साफ इनकार कर दिया। पति का कहना है कि मुझे लॉकडाउन में वेतन नहीं मिला, एेसे में वह भरण पोषण नहीं दे सकता। हालांकि कोर्ट को पति की दलील पर विश्वास नहीं है, इसलिए उसने पति की वेतन स्लिप तलब की है। दूसरी पत्नी के दो बच्चे हैं और उसका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उसकी आर्थिक स्थित काफी खराब हो गई। कुटुंब न्यायालय में सुनवाई न होने से उसकी परेशानी और बढ़ गई थी। अब जब कोर्ट खुला है तो उसे न्याय की पूरी उम्मीद है।
पति काे मनाया भी, लेकिन नहीं मानाः लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ विभाग के अफसर ने अपनी दूसरी पत्नी को पैसे देने बंद कर दिए, जिससे पत्नी को अपने बच्चों का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया। पति को काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। वाे दूसरी पत्नी के साथ रहना नहीं चाहता हैं और पहली पत्नी के साथ रहना चाहता हैं। आखिर में दूसरी पत्नी को अपने भरण पोषण के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। भरण पोषण का केस दायर होने के बाद कोर्ट ने स्वास्थ अधिकारी को तलब भी किया, लेकिन वाे मानने को तैयार नहीं है। पत्नी को भरण पोषण भी देना नहीं चाहता हैं। लाकडाउन में वेतन नहीं देने का बहाना बना रहे हैं।
क्यों हुए थे दोनों दूर
– स्वास्थ अधिकारी की पहली पत्नी सरकारी नौकरी में थी। पत्नी का ट्रांसफर ग्वालियर से दूसरे जिले में हो गया था, इसके चलते पति-पत्नी दूर हो गए। एक दूसरे के पास आने जाने में काफी परेशानी होती थी। इसको लेकर दोनों में विवाद भी होने लगा। इसके चलते आपसी सहमति से दोनों अलग हो गए। स्वास्थ्य अधिकारी ने 2003 में दूसरी शादी कर ली।
– स्वास्थ अधिकारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सेवा निवृत्ति से पहले पहली पत्नी लौट आई। पहली पत्नी भी सरकारी विभाग में अधिकारी है।