शीतलहर की जकड़ में राजस्थान:पारे की उल्टी चाल जारी, माइनस 1 के साथ माउंट आबू सबसे ठंडा तो 0.5 डिग्री के साथ सीकर भी आया पास
प्रदेश में ठंड के तेवर धीरे-धीरे तीखे होते जा रहे हैं। पारे की उल्टी चाल जारी है। रात में ही नहीं अब दिन में भी सर्द हवाएं नश्तर सी चुभ रही हैं। प्रदेश में माउंट आबू के बाद शेखावाटी सबसे ठंडा इलाका है। जयपुर में बीती रात तापमान 8.4 डिग्री रहा। नागौर सहित शेखावाटी के कुछ इलाकों में कोहरा छाया रहा। सुबह ओस की बूंदें जमी नजर आईं। ठंड से अब जन-जीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है। दो दिन से ठंड का अलम यह है कि न्यूनतम तापमान में गिरावट से फसलों पर तो बर्फ की चादर बिछी रहती है वहीं कड़ाके की सर्दी का असर दिनभर आसमान खुला रहने और तीखी धूप निकलने के बाद भी बरकरार रहने लगा है। लोग गर्म कपड़ों और धूप के बाद भी ठिठुर रहे हैं।
माइनस में माउंटआबू
प्रदेश में बीती रात सबसे कम तापमान माउंट आबू में -1.0 डिग्री रहा। वहीं सीकर के फतेहपुर में करीब 4 डिग्री कि गिरावट के साथ तापमान 3.8 डिग्री रहा। बीते दो दिनों में न्यूनतम तापमान में 10 डिग्री की गिरावट आई है। दो रात पहले यहां तापमान 13.4 डिग्री था। इस सीजन में यह दूसरी बार है जब माउंट आबू का पारा माइनस में पहुंच गया।
वहीं राजधानी जयपुर में बीती रात तापमान मामूली गिरावट के साथ 8.4 डिग्री रहा। बीती रात किसी भी शहर में तापमान 10 डिग्री या इससे अधिक नहीं रहा। चूरू में तापमान 3 डिग्री गिरावट के साथ 2.2 डिग्री, सीकर में 7 डिग्री की गिरावट के साथ 0.5, पिलानी में 2 डिग्री की गिरावट के साथ 2.5, बीकानेर में करीब 3 डिग्री की गिरावट के साथ 3.5, बाड़मेर में करीब 2 डिग्री कि गिरावट के साथ 7.5 तथा जैसलमेर में तापमान बिना परिवर्तन के 5.2 डिग्री रहा।
फसलों को पाले से बचाने के लिए सिंचाई करें
बीकानेर जिले के लूणकरणसर में लगातार सर्द हो रहे मौसम के कारण गुरुवार सुबह चक जोड़ गांव में तो फसलों पर बर्फ की परत जम गई। कृषि पर्यवेक्षक कालूराम सीवर ने बताया कि मौसम में हुए परिवर्तन के चलते क्षेत्र में शीतलहर चलने की संभावना है। किसान अपनी फसलों को पाले से बचने के लिए फसलों में सिंचाई करें तथा धुआं भी कर सकते हैं।
पशुओं के लिए घातक है शीतलहर
डॉ. कुलदीप चौधरी नोडल पशु चिकित्साधिकारी, लूणकरणसर के अनुसार इन दिनों पड़ रही भीषण ठंड आमजन के साथ मवेशियों के लिए भी घातक है। इनकी देखभाल में लापरवाही इन्हें कोल्ड डायरिया, न्यूमोनिया, हाइपोथर्मिया व अन्य बीमारियों का शिकार बना सकती है।
कारण है कि ठंड के मौसम में शरीर का तापक्रम कम होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। पशुओं को सर्दी से बचने के लिए पशुपालकों को सर्दी में पशुओं को संतुलित आहार देने के साथ साथ रात्रि टाट, बोरी आदि पशुओं पर डालने, खुले आसमान बचाने व गर्म गुनगुना पानी पिलाना चाहिए।