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भोपाल में 1300 लोगों पर कोवैक्सीन का ट्रायल पूरा

भोपाल। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) और भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही कोवैक्सीन के नाम से कोरोना की वैक्सीन का पीपुल मेडिकल कॉलेज में 13 सौ लोगों पर ट्रायल पूरा हो चुका है। यहां पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है। करीब 20 दिन से चल रहे ट्रायल में शुरुआत में हर दिन करीब 20 से 30 लोग ही आ रहे थे लेकिन अब 40 से 50 लोग प्रतिदिन टीका लगवाने के लिए आ रहे हैं। पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने बताया कि भारत बायोटेक की तरफ से पहले 1000 लोगों पर परीक्षण करने के लिए कहा गया था। इतने मरीजों पर करीब 5 दिन पहले ही ट्रायल पूरा हो जाने के बाद कंपनी ने 500 और मरीजों पर ट्रायल करने का लक्ष्य दिया है।

अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि 20 दिसंबर तक 1500 मरीजों पर ट्रायल पूरा हो जाएगा। गौरतलब है कि आइसीएमआर और भारत बायोटेक ने भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज और पीपुल्स मेडिकल कॉलेज को अलग-अलग कैटेगरी में ट्रायल के लिए चुना था। पीपुल मेडिकल कॉलेज में ट्रायल पूरा होने वाला है, लेकिन जीएमसी में अभी तक ट्रायल शुरू ही नहीं हो पाया है।

पूरी तैयारी के बाद भी जीएमसी में ट्रायल शुरू करने को नहीं मिली अनुमति

जीएमसी में को वैक्सीन के ट्रायल के लिए दो बड़े फ्रीजर खरीदे गए। नए पुस्तकालय भवन में इसके लिए तीन कक्ष तैयार कर को वैक्सीन के फ्लेक्स और होर्डिंग लगा दिए गए, लेकिन आइसीएमआर और भारत बायोटेक की तरफ से जगह का निरीक्षण करने के लिए कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। इस संबंध में जीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि आइसीएमआर को ई-मेल कर तैयारियां पूरी होने की जानकारी दी गई है। इसके जवाब में आइसीएमआर के अधिकारियों ने कहा है कि वह खुद बताएंगे कि निरीक्षण कब होगा और कब से ट्रायल शुरू किया जाना है। जीएमसी की डीन डॉ. अरुणा कुमार ने कहा कि ट्रायल कक्ष में लगाए गए डीप फ्रीजर ब्लड और स्वाब के सैंपल रखने के काम आएंगे। को वैक्सीन का परीक्षण नहीं होता तो भी फ्रीजर खरीदे जाने थे ‌

 

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