बलूचिस्तान की ख्यात कार्यकर्ता करीमा बलूच का शव कनाडा की झील में मिला, हत्या का शक
टोरंटो। बलूचिस्तान की ख्यात एक्टिविस्ट करीमा बलूच की मौत की खबर से दुनिया भर में उनके समर्थकों को धक्का पहुंचा है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में अत्याचार के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाली करीमा बलूच की कनाडा के टोरंटो में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह पिछले तीन दिनों से लापता थीं। उनका शव एक झील से मिला है। उनके करीबी लोगों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पर हत्या कराने का शक है। पुलिस के अनुसार करीमा को रविवार को दोपहर 3 बजे देखा गया था। उसके बाद उनका कोई पता नहीं चला। बाद में उनका शव हार्बरफ्रंट झील के किनारे पानी में मिला। उनके परिवार ने मौत की पुष्टि की है। करीमा बलूच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना भाई मानती थीं। उन्होंने 2016 में रक्षाबंधन पर मोदी से वीडियो पर मार्मिक अपील की थी। करीमा बलूच 2016 में विश्व की सौ सबसे अधिक शक्तिशाली महिलाओं में शामिल की गई थीं। करीमा की महिला एक्टिविस्ट के रूप में पूरे विश्व में पहचान थी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के एक सत्र में पाकिस्तान सरकार और सेना के बलूचिस्तान में अत्याचारों की जमकर आवाज उठाई थी। वह बलूच स्टूडेंट आर्गनाइजेशन की अध्यक्ष भी रही थीं। 2015 में पाकिस्तान में सरकार द्वारा आतंकवाद के आरोप मढ़े जाने के बाद वे देश छोड़कर कनाडा निर्वासित हो गई थीं। वे तब से बलूचों के अधिकारों को लेकर सक्रिय थीं। वे काफी समय से पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड अफसरों के कनाडा में बसने का कड़ा विरोध कर रही थीं। इसे लेकर वे पाकिस्तानी हुकूमत की आंख की किरकिरी बनी हुई थीं।