चालबाज चीन को LAC से ITBP की ललकार- अब हमें चकमा नहीं दे सकते
नई दिल्ली | भारत और चीन के बीच हुई झड़प में चीनी सेना को धूल चटा चुके भारतीय सेना के जवान कड़ाके की ठंड में भी डट कर सीमा की सुरक्षा में तैनात हैं। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सैक्टर में तैनात जवान कहते हैं कि उनकी तैयारी पूरी है और वो चौकन्ने होकर देश की रक्षा में लगे है। तवांग में तैनात आईटीबीपी का कहना है कि उनके जवान वहां हाई मोड में तैनात हैं और चीन की नापाक हरकते यहां अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाएगी।
समाचार एजेंसी एएनआई की टीम ने तवांग क्षेत्र का दौरा किया। टीम ने वहां मौजूद आईटीबीपी के सैनिकों ने उच्च स्तर की तैयारियों का जायजा लिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां सुरक्षा कड़ी है और तेजी से निर्माण कार्य भी हो रहा है। आईटीबीपी के 55 बटालियन कमांडर कमांडेंट आई बी झा ने एएनआई को बताया, “हमारा को आश्वासन है कि मातृभूमि पर किसी भी तरह की आंच नहीं आने देनी है। हमारे जवानों में जोश है। सबसे मजेदार चीज ये है कि वहां पर (पूर्वी लद्दाख में) ITBP के जवानों ने जमकर लोहा लिया था। मेरे जवान हैं, उनके मन में ये भावना है कि साहब उनको मौका मिल गया, हमको नहीं मिला। हमारी तैयारी इस स्तर की है कि अगर अवसर मिलेगा तो जो वीरता वहां पर उन्होंने दिखाई है, उससे ज्यादा वीरता दिखाने के लिए हम यहां तैयार हैं।”
उन्होंने कहा, “जब इस तरह की घटनाएं (पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा आक्रामक होना) होती हैं, तो हमें हाई अलर्ट मोड पर रहना पड़ता है ताकि ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं न हों और यहां कुछ भी होना आश्चर्य की बात नहीं है, जैसा कि आप देख भी सकते हैं कि अत्यधिक ठंड की स्थिति है जो चीजों को कठिन बना देती है, लेकिन हमारे जवान बहुत अधिक सतर्क हैं और हर समय सीमा पर नजर रखे हैं।” ITBP ने पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में LAC दोनों के साथ चीनी सैनिकों के साथ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
कई बार किया है मुश्किल स्थितियों का सामना
शुरुआती हिंसक झड़पों में, आईटीबीपी ने चीनी सैनिकों के साथ पैंगोंग झील, फिंगर क्षेत्र और 14,15, 17 और 17 ए में पैट्रोलिंग पॉइंट्स में कई बार मुश्किल स्थितियों का सामना किया था। हाथापाई के दौरान जवानों ने न ही सिर्फ चीनी पक्ष को आगे बढ़ने से रोका बल्कि चीनी पक्ष को पीछे धकेला और उन्हें गंभीर चोट भी पहुंचाई। कमांडेंट झा ने कहा कि अप्रैल-मई के समय सीमा में आईटीबीपी के सैनिकों द्वारा चीन के साथ शुरुआती दौर में दिखाई गई बहादुरी ने अरुणाचल क्षेत्र में तैनात सैनिकों को अत्यधिक प्रेरित किया है।