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शिवसेना ने की शरद पवार को UPA अध्यक्ष बनाने की मांग

दिल्ली। दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के बीच विपक्षी दलों में हलचल तेज हो गई है। अब शिवसेना मुखपत्र सामना में लिखे गए लेख में इस मुद्दे को हवा दी है कि यूपीए की कमान शरद पवार को सौंपी जाना चाहिए। यानी सोनिया गांधी के स्थान पर अब शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाया जाए, ताकि नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी का सामना किया जा सके। सामना में छपे सम्पादकीय में लिखा है कि सोनिया गांधी ने अब तक यूपीए अध्यक्ष की भूमिका बखूबी निभाई, लेकिन अब बदलाव करना होगा। दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों का साथ देने के लिए आगे आना होगा।

सम्पादकीय में आगे लिखा गया है कि कई विपक्षी दल हैं जो यूपीए में शामिल नहीं हैं। उन दलों को साथ लाना होगा। कांग्रेस का अलग अध्यक्ष कौन होगा, यह साफ नहीं है। राहुल गांधी किसानों के साथ खड़े हैं, लेकिन कहीं कुछ कमी लग रही है। ऐसे में शरद पवार जैसे सर्वमान्य नेता को आगे लाना होगा।

बता दें, इससे पहले भी किसान आंदोलन के बहाने विपक्षी दलों का एक साथ लाने की कोशिश हो चुकी है। हालांकि ज्यादा कामयाबी नहीं मिली। सवाल यही है कि नेतृत्व कौन करेगा। शिवसेना ने इसकी का जवाब सुझान की कोशिश में शरद पवार की पैरवी की है। सामना में लिखा गया है कि अभी जिस तरह की रणनीति विपक्ष ने अपनाई है, वह मोदी और शाह के आगे बेअसर है। सोनिया गांधी का साथ देने वाले मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल जैसे नेता अब नहीं रहे। इसलिए शरद पवार को आगे लाना होगा।

अब इंतजार प्रतिक्रियाओं का

सामना के सम्पादकीय के बाद कांग्रेस की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार है। शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने का मतलब है कि राहुल गांधी को पीछे करना। क्या कांग्रेस इसके लिए तैयार होगी? क्या ममता बनर्जी व अन्य नेता शरद पवार के नाम पर राजी होंगे?

 

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