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आज धरती के पास से गुजरेंगे 5 उल्कापिंड

दिल्ली । साल 2020 खत्म होते ही अधिकतर लोग यह समझने लगे कि शायद अब मुसीबतों का साल खत्म हो गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। देश में बर्ड फ्लू और कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के साथ ही अंतरिक्ष से भी कई संकट धरती की ओर आगे बढ़ रहे हैं। नए साल में धरती को ओर बढ़ने वाले उल्कापिंडों की संख्या कम नहीं है। आज ही धरती की ओर एक साथ पांच उल्कापिंड बढ़ रहे हैं, जो धरती के काफी पास से होकर गुजर जाएंगे। आज धरती के पास से जो पांच उल्कापिंड गुजरने वाले हैं, उनमें कुछ तो पेरिस के एफिल टॉवर और मिस्र के मिरामिड के भी ज्यादा विशाल हैं।

आखिर क्या होते हैं उल्कापिंड (एस्ट्रॉयड्स)

उल्कापिंड ऐसे आकाशीय पिंडों को कहा जाता है, जो स्वतंत्र रूप से ब्रह्मांड में घूमती रहती है। ये विशालकाय चट्टानों का निश्चित परिभ्रमण नहीं होता है और अनियमित मार्क के कारण कभी-कभी धरती की कक्षा में भी प्रवेश कर जाते हैं। यदि उल्कापिंड ज्यादा विशालकाय होता है तो धरती पर तबाही भी ला सकता है। धरती पर कई बार विशाल उल्कापिंड गिरने से तबाही भी आई है।

सेंट्रल फॉर नियर अर्थ स्टडीज (CNEOS) के अध्ययन के अनुसार आज धरती की ओर जो विशाल उल्कापिंड आ रहे हैं, उनमें दो का आकार काफी विशाल है। CNEOS का कहना है कि यदि ये दोनों उल्कापिंड धरती से टकराते हैं तो इसका प्रभाव 25 से 50 मेगाटन के परमाणु बम के समान होगा, हालांकि इन पांचों में से किसी भी उल्कापिंड के धरती से टकराने की आशंका बेहद कम है। नासा के मुताबिक सभी एस्ट्रॉयड्स धरती से सुरक्षित दूरी से निकल जाएंगे।

2021 AC उल्कापिंड सबसे विशाल

आज धरती के पास से जो उल्कापिंड गुजरेंगे, उनमें 2021 AC उल्कापिंड का आकाश सबसे ज्यादा विशाल है। इसका आकार मिस्र के पिरामिड की तरह है। 62 मीटर का यह विशाल उल्कापिंड धरती से 35 लाख किमी की दूरी से गुजरेगा। वहीं 2016 CO247 एफिल टावर जैसा विशाल है और यह लगभग 74 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। नासा के अनुसार ये सभी एस्ट्रॉयड्स विशाल होने के बावजूद खतरा इसलिए कम है क्योंकि ये सभी धरती से काफी दूर है।

 

 

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