सीएम गहलोत के निर्देश:राजस्थान की रुकी हुई रेल योजनाओं को तेजी दें केंद्र, फ्रेट-डीएमआईसी भी चुनौती
राजस्थान की कई महत्वाकांक्षी रेल योजनाएं लंबे समय से केंद्र ने अटका रखी है। यह बात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने पुरजोर शब्दों में रखी। उन्होंने घोषित की गई एक-एक रेल परियोजना का नाम लेकर मोदी से राजस्थान के विकास के लिए अविलंब शुरू करवाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का सबसे ज्यादा 42 पर्सेंट हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है। दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर, दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलप करना बड़ी चुनौती है। राजस्थान के भिवाड़ी में भी एक रेलवे स्टेशन विकसित हो।
प्रमुख मांगें
- भिवाड़ी के सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र में डीएफसी स्टेशन।
- 2013 में सरमथुरा-गंगापुर वाया करौली रेलवे लाइन शिलान्यास के बावजूद बंद। शुरू करें।
- पुष्कर-मेड़ता रोड रेलवे लाइन ठप।
- चौथ का बरवाड़ा-अजमेर लाइन रोकी।
- बांसवाड़ा-डूंगरपुर-रतलाम ट्रेन के लिए राज्य 250 करोड़ दे चुका, रुक गई।
- लोहारू-सीकर-रींगस रेल लाइन प्रोजेक्ट फिर शुरू हो।
45 दिन बाद भी वार्ता बेनतीजा
गहलोत ने केंद्र व पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला। गहलोत ने बयान जारी कर कहा- केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत का भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान 45 दिन से ठंड में सड़क पर बैठे हैं। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने अगली बैठक के लिए 7 दिन बाद का समय दिया है।