CM शिवराज ने कहा – पहले 4.16 लाख हेल्थ वर्कर्स को लगेगी वैक्सीन, दूसरे चरण में फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर सफाई व पुलिस कर्मी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना के वैक्सीनेशन (टीकाकरण) 16 जनवरी से शुरू हो जाएगा। इसके लिए सरकार ने प्राथमिकताएं तय की है। जिसके मुताबिक सबसे पहले प्रदेश के 4.16 लाख सरकारी और प्राइवेट हेल्थ वर्कर्स को कोरोना की वैक्सीन (टीका) लगाई जाएगी। इसके बाद फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर सफाई कर्मी और पुलिस कर्मियों का वैक्सीनेशन किया जाएगा।
वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश में 302 स्वास्थ्य केंद्र बनाए गए है। जबकि राज्य स्तर पर कंट्रोल रूम और कमांड सेंटर की स्थापना की जा चुकी है। साथ ही हर जिले तथा ब्लॉक स्तर पर भी कार्य की निगरानी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कोरोना के दोनों वैक्सीन ‘कोवीशील्ड’ एवं ‘को-वैक्सीन’ पूरी तरह सुरक्षित एवं विश्व में अभी तक तैयार किए गए कोरोना वैक्सीन में सर्वश्रेष्ठ हैं। ये शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं तथा एंटीबॉडीज बनाते हैं। इन्हें लगवाने में किसी भी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए। भारत के वैज्ञानिक समूह ने भी इस बात को प्रमाणित किया है। इस संबंध में कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का भ्रम अथवा अफवाह न फैलाए।
फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर के साथ ही बुजुर्गों, बीपी, डायबिटीज और कैंसर जैसे रोगों से जूझ रहे मरीजों को वैक्सीन लगाई जाएगी। केंद्र सरकार ने पहले 65 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाने का निर्णय लिया था, लेकिन अब 50 साल से ऊपर के सभी लोगों को लगाने पर सहमति बनी है। प्रदेश की आबादी में 50 साल के ऊपर के करीब 20% लोग हैं। करीब 4% आबादी डायबिटीज, 10% से 12% ब्लड प्रेशर से पीड़ित है।
वैक्सीन डिलीवरी के लिए कोविन पोर्टल
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन डिलीवरी के लिए केंद्र सरकार द्वारा कोविन पोर्टल बनाया गया है, जो हमारी आईटी क्षमता का श्रेष्ठ उदाहरण है। इससे संपूर्ण टीकाकरण कार्य की अच्छी मॉनिटरिंग भी होगी।16 जनवरी को टीकाकरण के शुरु होने पर जेपी अस्पताल भोपाल और एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर में इवेंट की वेबकास्टिंग के लिए विशेष टू वे कम्युनिकेशन सिस्टम होगा।
राज्य स्तर के स्टोर्स
कोरोना वैक्सीन के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में राज्य स्तर के स्टोर्स बनाए गए हैं, जहां वैक्सीन प्राप्त करने की पूरी तैयारी कर ली गई है। वैक्सीन प्राप्त होने के 24 घंटे के भीतर सभी जिला टीका केंद्रों में उन्हें ले जाने की व्यवस्था भी कर ली गई है।
वैक्सीनेशन 45 दिन की प्रक्रिया
वैक्सीनेशन की कुल 45 दिन की प्रक्रिया है। पहले डोज एवं दूसरे डोज के बीच 28 दिन का अंतर होगा तथा दूसरे डोज के 14 दिन बाद वैक्सीनेशन का असर होगा। अर्थात इस दौरान कोरोना प्रोटोकाल का पूर्ववत पालन करना है, कोई असावधानी नहीं करनी है।
SMS से दी जाएगी सूचना
चिन्हित मरीजों को SMS भेजकर वैक्सीनेशन के लिए बुलाया जाएगा। इसके बाद भी कुछ ऐसे लोग छूट जाएंगे, जो सर्वे में शामिल नहीं हो पाए थे या फिर बाद में उन्हें बीमारी का पता चला है, ऐसे लोगों की पहचान के लिए अस्पतालों में अलग काउंटर बनाए जाएंगे। वह काउंटर पर जांच रिपोर्ट, अन्य चिकित्सकीय दस्तावेज दिखाकर वैक्सीनेशन के लिए अपना पंजीयन करा सकेंगे। जिन्हें अभी तक बीपी और शुगर की बीमारी का पता नहीं है, वह भी सरकारी अस्पताल में हफ्ते में दो बार जांच कराने के बाद बीमारी निकलती है तो वह रजिस्टर्ड हो सकेंगे।
MP में स्टोरेज क्षमता
1214 कोल्ड चैन पॉइंट
2311 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर
2164 डीप फ्रीजर
ये होगी वैक्सीन लगाने वाली टीम
वैक्सीनेटर ऑफिसर : डॉक्टर (एमबीबीएस/बीडीएस), स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, एएनएम और वह अधिकृत व्यक्ति जो इंजेक्शन लगा सके।
वेक्सीनेशन ऑफिसर 1: पुलिस, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, एनसीसी या एनएसएस का एक व्यक्ति। यह टीकाकरण केंद्र पर प्रवेश करते समय पंजीयन चैक करेगा।
वैक्सीनेशन ऑफिसर 2: एक व्यक्ति जो दस्तावेजों का परीक्षण करेगा।
वैक्सीनेशन ऑफिसर 3 और 4 : भीड़ नियंत्रित करने और सहयोग के लिए दो लोग सपोर्टिंग स्टाफ के भी रहेंगे।