कांग्रेस के प्रदर्शन में नहीं पहुंचे CM:जयपुर में कृषि कानून को लेकर कांग्रेस की सभा पायलट के इर्द-गिर्द रही, तय कार्यक्रम के बावजूद नहीं आए गहलोत
कांग्रेस ने शुक्रवार को किसान आंदोलन के 51 दिन पूरे होने पर किसान अधिकार दिवस मनाया। जयपुर में सिविल लाइंस फाटक पर किए गए प्रदर्शन और राजभवन के घेराव के इस आंदोलन में कांग्रेसी नेता, मंत्री और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में यहां पहुंचे, लेकिन सीएम अशोक गहलोत नहीं गए। जबकि, उनके आने का कार्यक्रम तय था। पूरा प्रदर्शन कार्यक्रम पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के इर्द-गिर्द ही रहा। सीएम अशोक गहलोत के आने का सभी इंतजार करते रहे। पता चला कि सभा खत्म हो गई। डोटासरा और पायलट के भाषण के बाद सब मंच से उतर गए। गहलोत नहीं आए।
आंदोलन को संबोधित करते हुए पायलट ने केंद्र सरकार पर हमला किया। बोले- इस बार केंद्र ने गलती कर दी। केंद्र ने किसानों यानी देश के अन्नदाता पर हमला बोला है। यह शर्म की बात है कि केंद्र ने उन्हें नक्सलवादी कहा, आतंकवादी कहा। वे बोले- सरकार और नेता आएंगे, चले जाएंगे, लेकिन कानून बनने के बाद वह बना रहेगा। और इस कानून को लेकर आने वाले समय में लोग हमें माफ नहीं करेंगे।
पायलट छाए थे, यह भी एक कारण !
सभा में इस बात की भी चर्चा थी कि पूरी सभा में पायलट छाए रहे, इसलिए सीएम ने अपने इंटेलीजेंस से मिली रिपोर्ट के आधार पर यहां पहुंचना ठीक नहीं समझा। जबकि, मैसेज यह दिया गया कि राज्यपाल के घेराव का आयोजन था, इसलिए संवैधानिक दृष्टि से उनका यहां आना उचित नहीं था। कांग्रेस के मंत्रियों ने कुछ ऐसा ही बताया।
यह बात अलग है कि सचिन पायलट के साथ छोड़कर चले जाने के दौरान गहलोत ने राज्यपाल तक को चेता दिया था कि यदि सदन आहूत नहीं किया गया तो प्रदेश की जनता राजभवन घेर सकती है। ऐसा बोलने वाले सीएम अब राज्यपाल को घेराव के कांग्रेस के ही कार्यक्रम में नहीं आए। यह बात किसी के समझ नहीं आ रही है।
रेलवे फाटक के बाहर बनाया गया मंच
जयपुर में सिविल लाइंस फाटक के बाहरी हिस्से पर मंच बनाया गया। सभा के बाद ही राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया। इससे पहले सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने धरना प्रदर्शन में आने वाले लोगों से कोरोना के नियमों की पालना के लिए कहा। उन्होंने कहा है कि सभी कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क लगाकर रखें। परिवहन मंत्री ने भी सभी को इसके लिए हिदायत दी।
रास्ता किया डायवर्ट
प्रदर्शन के लिए राजमहल होटल के टी-पॉइंट पर वाहनों को रोक दिया गया। उनको वहीं से डायवर्ट किया गया। राजमहल होटल के टी-पाइंट से सिविल लाइंस की तरफ आने वाले सभी वाहनों की आवाजाही को रोक दिया गया। करीब 200 मीटर के दायरे में सिविल लाइन फाटक के पास सभा स्थल बनाया गया।