टीम इंडिया का नया सितारा:सिराज ने पिता को खोया, ऑस्ट्रेलिया में नस्लीय टिप्पणियां सहीं, फिर भी सीरीज में बेस्ट इंडियन बॉलर बने
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के लिए ऑस्ट्रेलियाई दौरा किसी सपने से कम नहीं रहा। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले पिता को खोने वाले सिराज ने टेस्ट सीरीज में अपने शानदार प्रदर्शन से उनके सपने को सच कर दिया। टेस्ट सीरीज के दौरान उनका सफर एक फिल्मी हीरो की तरह रहा। उन्हें सिडनी और ब्रिस्बेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की नस्लीय गालियां सहनी पड़ीं।
इसके बावजूद सिराज ने हार नहीं मानी। वे सीरीज के 3 टेस्ट में 13 विकेट लेकर भारत के सबसे सफल बॉलर बने। साथ ही पूर्व भारतीय क्रिकेटर जवागल श्रीनाथ के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। सिराज ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू कर टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय खिलाड़ी बन गए।
ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले पिता को खोया
टीम इंडिया के इस तेज गेंदबाज की उतार-चढ़ाव भरी जिंदगी IPL के बाद शुरू हुई। वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया में शामिल किए गए। टीम पिछले साल 11 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए रवाना हुई। 20 नवंबर को सिराज के पिता का निधन हो गया। BCCI ने सिराज को घर लौटने की छूट दी, लेकिन वह अपने पिता के सपनों को पूरा करने के लिए वापस नहीं लौटे। वे पिता की अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं सके।
नस्लीय टिप्पणियों का सामना किया
पिता को खोने के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट से उन्होंने डेब्यू किया। इस मेलबर्न टेस्ट में ही उन्होंने 5 विकेट लिए। इसके बाद तीसरे टेस्ट में उन्हें 2 विकेट मिले। मैच के तीसरे और चौथे दिन सिराज को ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों के अभद्र व्यवहार और नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ा।
ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों ने उनके खिलाफ मंकी, डॉग और ग्रब (कीड़ा) जैसे घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया, लेकिन सिराज टूटे नहीं और मजबूती से सामना किया। इस बदतमीजी का जवाब उन्होंने ब्रिस्बेन टेस्ट की पहली पारी में 1 और दूसरी पारी में 5 विकेट लेकर दिया।
चौथे टेस्ट में भारत के स्ट्राइक बॉलर बने
देखने वाली बात यह भी है कि चौथे टेस्ट में उतरी टीम इंडिया का कुल बॉलिंग एक्सपीरियंस 13 विकेट का था। यानी मोहम्मद सिराज, नवदीप सैनी, टी नटराजन, शार्दूल ठाकुर, वॉशिंगटन सुंदर और रोहित शर्मा ने कुल मिलाकर 13 विकेट झटके थे। चोटिल मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में 2 टेस्ट में 7 विकेट ले चुके सिराज को बड़ी जिम्मेदारी मिली।
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में डेब्यू कर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज
विकेट | गेंदबाज | साल |
13 | मोहम्मद सिराज | 2020-21 |
10 | जवागल श्रीनाथ | 1991-92 |
8 | दत्तू फडकर | 1947-48 |
8 | सैयद आबिद अली | 1967-68 |
श्रीनाथ के रिकॉर्ड को तोड़ा
ब्रिस्बेन में भारतीय टीम अपने नियमित गेंदबाजों के बगैर उतरी, लेकिन सिराज एंड कंपनी ने इसकी कमी महसूस नहीं होने दी। सिराज ने खुद इस चैलेंज को स्वीकारा और शानदार प्रदर्शन कर टीम की उम्मीदों पर खरे उतरे। उन्होंने भारत के पूर्व दिग्गज बॉलर श्रीनाथ का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। श्रीनाथ ने 1991/92 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में डेब्यू किया था। इस सीरीज में उन्होंने 10 विकेट चटकाए थे। जबकि, सिराज ने 13 विकेट लिए।
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में डेब्यू कर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज (पिछले 50 सालों में)
टेस्ट सीरीज में मैच- विकेट | गेंदबाज | साल |
5 मैच – 25 विकेट | जो पार्ट्रीज | 1963-64 |
4 मैच – 15 विकेट | बेन स्टोक्स | 2013-14 |
3 मैच – 13 विकेट | मोहम्मद सिराज | 2020-21 |
5 मैच – 13 विकेट | पीटर लेवर | 1970-71 |
5 मैच – 13 विकेट | कॉर्टनी वॉल्श | 1984-85 |
जहीर खान को पीछे छोड़ा
ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में डेब्यू कर ओवरऑल सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में वे तीसरे नंबर पर हैं। इस मामले में साउथ अफ्रीका के जो पार्ट्रीज 5 मैचों में 25 विकेट के साथ टॉप पर हैं। इसके साथ ही ब्रिस्बेन में एक पारी में सबसे बढ़िया गेंदबाजी करने वाले भारतीय बॉलर्स की लिस्ट में सिराज चौथे स्थान पर पहुंच गए। सिराज ने जहीर खान को पीछे छोड़ दिया। सिराज ने 73 रन देकर 5 विकेट झटके, जबकि जहीर ने 2003 में 95 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे।
ब्रिस्बेन में भारत के लिए सबसे बढ़िया गेंदबाजी (एक पारी में)
गेंदबाज | रन/विकेट (एक पारी में) | साल |
इरापल्ली प्रसन्ना | 104/6 | 1968 |
बिशन सिंह बेदी | 55/5 | 1977 |
मदन लाल | 72/5 | 1977 |
मोहम्मद सिराज | 73/5 | 2021 |
जहीर खान | 95/5 | 2023 |
सिराज ने सबसे ज्यादा ओवर किए
जहां एक तरफ भारत के तीन गेंदबाज शमी, बुमराह और सैनी हैमस्ट्रिंग से जूझते हुए नजर आए। वहीं, सिराज ने अपनी फिटनेस से सबको प्रभावित किया। सिराज ने मौजूदा सीरीज में सबसे ज्यादा 134.1 ओवर फेंके। ब्रिस्बेन टेस्ट में चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद सिराज ने कहा कि इस दौरे से उन्हें यह पता चल गया है कि एक खिलाड़ी के लिए फिटनेस कितना जरूरी है। सिराज ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान नेशनल क्रिकेट एकेडमी के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच सोहम देसाई ने उन्हें फिटनेस पर काफी मेहनत करवाई थी।
पिता के निधन के बाद मां ने मुझे हिम्मत दी
सिराज ने कहा कि पिता के निधन के बाद वह बेहद निराश थे, लेकिन मां ने उन्हें प्रेरित किया। सिराज ने चौथे दिन का खेल खत्म होने के बाद कहा, ‘मैं 5 विकेट लेकर बहुत खुश हूं। पिता के निधन के बाद मैंने घर पर बात की। मां ने मुझे मजबूत बनने को कहा। उनके सपोर्ट से ही मैं मेंटली स्ट्रॉन्ग हो पाया। मैं अपने पिता के सपने को किसी भी कीमत पर पूरा करना चाहता था और वह मैंने कर दिखाया।’
‘पिता चाहते थे पूरी दुनिया मुझे खेलता देखे’
सिराज ने कहा, ‘मेरे पिता चाहते थे कि मैं टीम इंडिया के लिए खेलूं। वह चाहते थे कि दुनिया उनके बेटे को खेलता हुआ देखे। काश वह यहां होते तो उन्हें बहुत खुशी होती। उनके आशीर्वाद ने मुझे हिम्मत दी और मैं 5 विकेट ले सका। मेरे पास इस खुशी को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।’ सिराज तीसरे टेस्ट में राष्ट्रगान के बाद इमोशनल हो गए थे और उनकी आंख में आंसू आ गए थे।