गुलाम नबी आजाद बोले- तीनों कृषि बिल वापस होने चाहिए, PM खुद ऐलान करें तो अच्छा होगा
दिल्ली । संसद का बजट सेशन चल रहा है। राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का समय बढ़ाकर 15 घंटे करने पर सहमति बन गई। इस दौरान विपक्षी दल किसानों के मुद्दे पर चर्चा कर सकेंगे। राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने किसानों के मुद्दे पर बोलते हुए कहा, ‘किसान आंदोलन के सिलसिले में हमारे साथी शशि थरूर पर देशद्रोह का केस दर्ज किया गया, लेकिन मैं कहता हूं कि देश की सेवा करने वालों पर देशद्रोही का केस चलाना लोकतंत्र के खिलाफ होगा। प्रधानमंत्री जी आपके पास कोविड जैसे बड़े-बड़े मुद्दे हैं समाधान करने के लिए, सरकार उन पर ध्यान दे। सरकार को तीनों कृषि बिल वापस लेने चाहिए, प्रधानमंत्री खुद ये ऐलान करें तो अच्छा होगा।’
जम्मू-कश्मीर के लिए सही कदम उठाने चाहिए
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि कश्मीर के छोटे कर्मचारी दो साल से घर में बैठे हैं। टूरिज्म खत्म हो गया। एजुकेशन खत्म हो गई, क्योंकि कोविड की वजह से स्कूल-कॉलेज बंद रहे, अभी भी बंद हैं। कुछ जगह ऑनलाइन एजुकेशन शुरू हुई है। कश्मीर में तो अभी भी 2जी है। कश्मीर में सड़कों की हालत खराब है। अच्छी बात ये हुई कि लोकल बॉडी (DDC) के इलेक्शन हुए, लेकिन प्रधानमंत्रीजी को बाकी कुछ दिखाई नहीं देता। नॉर्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर हमारे लिए बहुत जरूरी हैं। इसके लिए हमें सही कदम उठाने होंगे।
हंगामा करने पर आप के 3 सांसद सदन से निकाले गए
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही आम आदमी पार्टी (आप) के सांसदों ने किसानों के मुद्दे पर नारेबाजी और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा करने वाले आप के 3 सांसदों को सभापति ने सदन की कार्यवाही से दिनभर के लिए निलंबित कर दिया। ये सांसद संजय सिंह, सुशील कुमार गुप्ता और एनडी गुप्ता हैं।
कार्यवाही की मोबाइल रिकॉर्डिंग से सभापति नाराज
इससे पहले राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने सदन में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कुछ सदस्य अपने चैंबर से सदन की कार्यवाही की मोबाइल से रिकॉर्डिंग करते देखे गए हैं। यह संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। इस तरह अनॉथराइज्ड तरीके से सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड करना और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट करना सदन की अवमानना (कंटेम्प्ट) का मामला हो सकता है।