टोक्यो ओलिंपिक:आयोजन समिति की अध्यक्ष महिला होगी; पूर्व प्रधानमंत्री योशिरो मोरी को महिलाओं पर टिप्पणी के कारण इस्तीफा देना पड़ा था
महिलाओं को बातूनी बताने वाले टोक्यो ओलिंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष योशिरो मोरी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है। जापान के प्रधानमंत्री रह चुके 83 वर्षीय मोरी ने 3 फरवरी को ओलिंपिक समिति की एग्जीक्यूटिव मीटिंग में कहा था, ‘महिलाएं बहुत बोलती हैं, क्योंकि उनमें प्रतिद्वंद्विता की भावना बहुत होती है। बोर्ड की बैठकों में अगर अधिक महिलाएं हों तो बैठकें लंबी चलती हैं।
अगर कोई महिला सदस्य बोलने के लिए हाथ ऊंचा कर दे तो अन्य सभी महिलाएं सोचेंगी कि उन्हें भी कुछ बोलना चाहिए। अगर आप बोर्ड मीटिंग में महिलाओं की संख्या बढ़ाते हैं तो इससे परेशानियां बढ़ सकती हैं।’ मोरी ने ओलिंपिक पैनल में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के प्रयासों के बारे में चिंता जताते हुए यह तंज कसा था।इस बयान की जापान समेत दुनियाभर में आलोचना हुई थी।
प्रेस कांफ्रेंस कर अपने बयान के लिए मोरी ने मांगी थी माफी
अगले ही दिन 4 फरवरी को मोरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में माना था कि उनका बयान गलत था और ओलिंपिक खेलों की भावनाओं से मेल नहीं खाता। हालांकि उन्होंने इस्तीफे से इनकार कर दिया था। जब विवाद बढ़ा तो शुक्रवार को एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग से पहले उन्होंने कहा कि अध्यक्ष होने के नाते जो कहा, वह नहीं कहना चाहिए था। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
टोक्यो ओलिंपिक कोरोना की वजह से एक साल की देरी से
कोरोना के चलते एक साल देरी (23 जुलाई 2021) से शुरू हो रहे ओलिंपिक खेलों की तैयारियों पर मोरी का इस्तीफा भारी पड़ सकता है। अगले अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अब यह पद किसी महिला को ही दिया जाएगा। इसके लिए ओलिंपिक्स मामलों की कैबिनेट मंत्री 56 वर्षीय सिको हाशिमोटो सबसे उपयुक्त हैं। कोशिश यह भी है कि नया अध्यक्ष लैंगिक समानता, विविधता और समावेश की उच्च समझ वाला हो। जापान के ह्यूमन राइट्स वॉच की डायरेक्टर कैनी डोई ने इसे महिला अधिकारों की छोटी जीत बताया है।
जापान की संसद में 10%, तो लिस्टेड कंपनियों में महज 5.3% महिलाएं
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की 2020 की ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में 153 देशों में जापान 121वें नंबर पर था। जापान की िलस्टेड कंपनियों में 5.3% महिलाएं बोर्ड मेंबर हैं। संसद में यह आंकड़ा महज 10% है, जो दुनिया में सबसे निचले स्तरों में से एक (135वां) है। जेंडर गैप में भारत का स्थान 112वां था।
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिलाएं
45% से कम: फ्रांस, आइसलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, इटली, जर्मनी, डेनमार्क, न्यूजीलैंड
।30% से कम: यूके, इजरायल, यूएस
।20% से कम: ऑस्ट्रिया, हंगरी, भारत, तुर्की, चीन, ब्राजील, रूस, जापान, इंडोनेशिया।