पिंट्रेस्ट ने माइक्रोसॉफ्ट के 3.7 लाख करोड़ के ऑफर को ठुकराया, टिकटॉक खरीदने की कोशिश भी रही थी नाकाम
माइक्रोसॉफ्ट ने हाल ही में इमेज-शेयरिंग और सोशल मीडिया सर्विस कंपनी पिंट्रेस्ट को खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई। यदि डील हो जाती तो यह माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से किया गया अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होता, क्योंकि ऑफर 5,100 करोड़ डॉलर (करीब 3.70 लाख करोड़ रुपए) का था।
असल में माइक्रोसॉफ्ट अपने क्लाउड कम्प्यूटिंग प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन कम्युनिकेशन का एक पोर्टफोलियो बनाने के लिए पिंट्रेस्ट को खरीदना करना चाहती है। माइक्रोसॉफ्ट ने इससे पहले टिकटॉक को भी खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन डील नहीं हो पाई थी।
स्वतंत्र कंपनी रहना चाहती है पिंट्रेस्ट
बहरहाल, एक मीडिया रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि दोनों कंपनियों के बीच डील को लेकर बातचीत बंद हो गई है। पिंट्रेस्ट ने संकेत दिया है कि वह स्वतंत्र कंपनी बने रहना चाहती है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला यह डील करने का अपना प्रयास जारी रखेंगे या नहीं।
पिंट्रेस्ट का अमेरिका में रेवेन्यू 67% बढ़ा
पिंट्रेस्ट ने पिछले सप्ताह 2020 के आखिरी क्वार्टर की फाइनेंशियल रिपोर्ट पेश की थी। उसके मुताबिक, कंपनी ने 706 मिलियन डॉलर (5.4 हजार करोड़ रुपए) का रेवेन्यू जनरेट किया है। कंपनी का अमेरिका में रेवेन्यू सालाना आधार पर 67% बढ़कर 582 मिलियन डॉलर (करीब 4.2 हजार करोड़ रुपए) हो गया। वहीं, इंटरनेशनल रेवेन्यू 145% बढ़कर 123 मिलियन डॉलर (करीब 895 करोड़ रुपए) रहा। पिंट्रेस्ट के यूजर्स की संख्या 46% बढ़कर 361 मिलियन (36 करोड़) से ज्यादा हो चुकी है। कोविड के दौरान पिंट्रेस्ट की मार्केट वैल्यू 600% तक बढ़ गई है।
माइक्रोसॉफ्ट ने पहले भी कई कंपनियां खरीदीं
माइक्रोसॉफ्ट इससे पहले लिंक्डइन (Linkedin) को 26 अरब डॉलर (करीब 1.8 लाख करोड़ रुपए) और GitHub को 7.5 अरब डॉलर (करीब 54 हजार करोड़ रुपए) में खरीद कर चुकी है। माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले साल प्राइवेट गेमिंग कंपनी जेनीमैक्स (ZeniMax) को 7.5 अरब डॉलर (करीब 54 हजार करोड़ रुपए) दिए थे। उसने टिकटॉक को खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन ये डील नहीं हो पाई थी।